Home देशशहर और राज्यउत्तर प्रदेशजालौन डीएम एसपी ने कोरोना के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए धर्म गुरुओं के साथ बैठक कर दिए आवश्यक निर्देश

डीएम एसपी ने कोरोना के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए धर्म गुरुओं के साथ बैठक कर दिए आवश्यक निर्देश

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जालौन: कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए सरकार ने नई गाइडलाइन जारी कर दी है जिसको लेकर जिलाधिलारी प्रियंका निरंजन और पुलिस अधीक्षक डॉ यशवीर सिंह ने सोमवार को कलेक्ट्रेट सभागार में धर्म गुरुओं के साथ बैठक की. सभी धर्म गुरुओं से अपील की गई कि शुरू होने वाले रमजान के महीने और नवरात्री को देखते हुए सभी मौलानाओं और मंदिर के महंत से आग्रह किया कि वह अपने धर्मालयों में आने वाले श्रद्धालुओं से सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का समुचित रूप से पालन कराएं साथ ही धर्म गुरु इस महामारी से बचाव के लिए जागरुकता का प्रसार करने के साथ टीकाकरण करवाकर अपने को इस महामारी से सुरक्षित करे

जिलाधिकारी प्रियंका निरंजन ने बैठक में सभी धर्म गुरुओं को बताया गया कि जिले में धारा 144 लागू हो गयी है कोई भी व्यक्ति 5 से अधिक एक स्थान पर एकत्रित न हो साथ ही सामूहिक रूप से बैठकर धार्मिक गतिविधियों का संचालन ना किया जाए. एक ही चटाई के प्रयोग से बचा जाए. प्रशासन ने कहा कि प्रसाद वितरण व पवित्र जल का छिड़काव ना किया जाए. किसी भी ऐसी परंपरा का पालन करने से बचा जाए, जिसमें स्पर्श की संभावना हो.
जिला प्रशासन ने अपील करते हुए कहा कि निश्चित अंतराल पर फर्श, दीवारों आदि को सैनिटाइज कराया जाए.प्रवेश के समय लोगों के लिए सैनिटाइजर या हाथ धुलने की व्यवस्था कराई जाए. धर्मालयों में पब्लिक ऐड्रेस सिस्टम, बैनर पोस्टर, फ्लेक्स आदि के द्वारा कोविड-19 से बचाव के लिये बरती जाने वाली सावधानियों का प्रसार किया जाए.

बैठक में मौजूद पुलिस अधीक्षक ने कहा कि जिन स्थानों पर अधिक लोगों के आने की संभावना है, वहां आवश्यकता पड़ने पर पुलिस फोर्स द्वारा लोगों को व्यवस्थित करने में सहयोग किया जाएगा. इस महामारी से डरने की नहीं बल्कि सावधान रहने की जरूरत है. इसके प्रति सजग रहते हुए समाज को जागरूक करते हुए तथा सरकार द्वारा दिए गए दिशा निर्देशों का पालन करते हुए हम इस महामारी पर विजय पाएंगे। बैठक में पहुंचे मंदिर के पुजारी जमुना दास ने बताया कि सबसे पहले आम लोगों का जीवन जरूरी है. मंदिर खोलने के लिए सरकार के जो दिशा-निर्देश हैं उसका पालन कराया जाएगा. अगर यह लगता है कि भीड़ अधिक हो रही है और मंदिर प्रशासन इसे नियंत्रित नहीं कर पा रहा है, तब मंदिर प्रशासन मंदिर को पुनः बंद कर देगा.

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