Home देशशहर और राज्यउत्तर प्रदेशजालौन लोकसभा जालौन के क्या है राजनैतिक समीकरण, क्या बीजेपी लगाएगी हैट्रिक ?

लोकसभा जालौन के क्या है राजनैतिक समीकरण, क्या बीजेपी लगाएगी हैट्रिक ?

by Tejas Khabar
लोकसभा जालौन के क्या है राजनैतिक समीकरण, क्या बीजेपी लगाएगी हैट्रिक ?

जालौन: बीहड़ पट्टी में बसा जालौन बुंदेलखण्ड इलाके में आता है. यहाँ डकैतों की तूती बोलती थी . लोकसभा 2024 को लेकर विभिन्न राजनैतिक दलों के प्रत्याशियों ने एड़ी चोटी का पसीना बहाना शुरू कर दिया है. यह लोकसभा सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है. मौजूदा समय में भाजपा से लगातार दो बार भानु प्रताप वर्मा सांसद है. इंडिया गठबंधन में यह सीट सपा के खाते में आई है . नारायण दास अहिरवार को सपा ने चुनाव मैदान में उतारा है. जबकि बसपा ने सुरेश चंद्र गौतम पर दांव लगाया है.

यह भी देखें : उच्च अंक प्राप्त छात्र अविनाश को नेहा ने भेंट किया पौधा

बता दे कि देश में लोकसभा चुनाव की घोषणा होते ही एनडीए गठबंधन ने 400 पार का नारा दिया है.ऐसे में बीजेपी यूपी की सभी 80 लोकसभा सीटें जीतने का दावा कर रही है तो वहीं इन्डिया गठबंधन जीत को लेकर गुणा भाग में लग गई है इसलिए जालौन लोकसभा सीट चुनाव लड़ने वाले दलों के लिए काफी अहम हो गई है. बुंदेलखंड की चुनिंदा लोकसभा सीटों में से जालौन में आजादी के बाद सबसे पहले चुनाव 1952 में हुआ था। जिसमे कांग्रेस के लोटन राम लोकसभा के पहले सांसद बने थे। इसके बाद 1957 में हुए लोक सभा चुनाव में इसी परिवार के लच्छीराम ने जीत दर्ज कर कांग्रेस का दबदबा बनाया.वहीं 1962 में भी कांग्रेस के रामसेवक ने बाजी मारी। इसके बाद हैट्रिक लगाते हुए चौधरी राम सेवक 1967 और 1971 में भी सांसद चुने गए।

इमरजेंसी के आक्रोश की आग के बाद इस सीट पर कांग्रेस का दबदबा टूटा और पहली बार 1977 के चुनाव में कांग्रेस को यहां हार मिली और लोकदल ने जीत हासिल की.इसके बाद 1980 और 1984 के चुनावों में यहां पर कांग्रेस ने एक बार फिर वापसी की जिसमे एक बार नाथूराम और एक बार चौधरी लच्छीराम सांसद बने. इसके बाद 1989 में यहां जनता दल ने खाता खोला और जीत दर्ज की.आज 34 साल बीत गए और इस लोकसभा सीट पर कांग्रेस पार्टी जीत के लिए तरस गई है .16 बार लोकसभा चुनाव हुए जिसमें में 7 बार कांग्रेस को जीत मिली है. आजादी के बाद से 1985 तक कांग्रेस का दबदबा रहा तो वहीं 1977 में जरूर जनता पार्टी के उम्मीदवार को सफलता मिली थी। तब से लेकर अभी तक 1999 में बसपा और 2009 में सपा को छोड़ दें तो भाजपा काबिज रही है.

यह भी देखें : मालगाड़ी से कटकर अज्ञात वृद्ध की हुई मौत पुलिस ने शव पोस्टमार्टम भेजा

1952 से लेकर 1957 तक दो-दो सांसद चुने गए. 1952 में संसदीय क्षेत्र जालौन – इटावा और 1957 में जालौन-हमीरपुर संसदीय रहने के दौरान जिले को दो-दो सांसद मिले . लोकसभा क्षेत्र में जालौन जिले की उरई, कालपी, माधौगढ़, झांसी की गरौठा और कानपुर देहात की भोगनीपुर विधानसभा सीट शामिल है.फिलहाल इस पर अभी भाजपा काबिज है.यमुना, बेतवा, सिंधु, क्वारी, पहुज, चंबल, सिंध आदि नदियों वाले जालौन संसदीय क्षेत्र में सूखा प्रमुख मुद्दा है। बीते बीस सालों में यहां विकास को लेकर फोरलेन बने और रेलवे लाइन का दोहरीकरण हुआ है.

यहां के प्रमुख सिंचाई, पचनद बांध और रोजगार के साधनों की कमी है. विकास और स्थानीय मुद्दे हमेशा से जालौन मे रहे है .वर्तमान में यहां से सांसद भाजपा के भानु प्रताप सिंह वर्मा हैं. साल 2022 में उत्तर प्रदेश में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी को 5 में से 4 सीटों पर जीत मिली थी. कालपी सीट पर सपा के विनोद चतुर्वेदी को जीत मिली थी जबकि शेष चारों सीटें बीजेपी के खाते में आई थी.
अब देखना यह होगा की यहाँ के मतदाता , मतदान में भाजपा प्रत्याशी को हैट्रिक लगाने देंगे अथवा दूसरे दल के प्रत्याशी के सिर पर जीत का सेहरा बांधेंगे . जालौन के कुल मतदाताओं की संख्या 19,95,526 है.

यह भी देखें : भाजपा प्रत्याशी की धर्मपत्नी ने अछल्दा मंडल के विभिन्न गांवों में डोर टू डोर किया मतदाताओं से जनसंपर्क

जालौन लोकसभा क्षेत्र में जातिगत आंकड़ा
सवर्ण
ब्राह्मण – 100000
क्षत्रिय- 125000
वैश्य- 100000
कायस्थ- 20000
मुस्लिम- 125000
………………………
कुल -470000
पिछड़े
यादव- 125000
कुर्मी- 125000
लोधी- 50000
मौर्य- 2000
निषाद- 50000
कुशवाहा- 120000
पाल- 125000
प्रजापति- 50000
विश्वकर्मा- 70000
सोनी- 50000
राठौर- 70000
नाई- 60000
कहार- 10000
माली- 10000
……… …………
कुल-917000

दलित
जाटव- 175000
बसोर – 80000
वाल्मीकि- 110000
कोरी- 150000
धोबी- 60000
………………
कुल – 575000

You may also like

Leave a Comment