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कानपुर देहात पुलिस का हैरतअंगेज कारनामा आया सामने

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कानपुर देहात पुलिस का हैरतअंगेज कारनामा आया सामने

कानपुर देहात पुलिस का हैरतअंगेज कारनामा आया सामने

  • आरोपी की जगह निर्दोष को भेजा जेल
  • पीड़ित परिवार ने पुलिस आला अधिकारियों से लगाई गुहार
  • पुलिस अधिकारियों की जांच पर हुआ खुलासा

कानपुर देहात। कानपुर देहात पुलिस का अनोखा कारनामा सामने आया है अपनी लापरवाही के चलते खाकी को दागदार कर दिया है कानपुर देहात पुलिस जांच में इस कदर फेल हुई कि निर्दोष को ही गोकशी के मामले में पकड़ कर जेल भेज दिया दरअसल माती न्यायालय से गैर जमानती वारंट और कुर्की का आदेश जारी हुआ कि पुलिस ने बिना जांच किये निर्दोष बुजुर्गों को ही गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया सच्चाई सामने आई तो पुलिस के हाथ पांव फूल गए ।

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दरअसल डेरापुर निवासी सत्तार के बेटे जब्बार साह को डेरापुर पुलिस ने वर्ष 1994 में गोकशी के मामले में आरोपी बनाकर जेल भेजा था जब्बार साह जमानत के बाद से रोजगार की तलाश में परिवार के साथ जिले से बाहर चला गया लंबे समय से तारीख पर न्यायालय नहीं पहुंचा अदालत ने उसके खिलाफ गैर जमानती वारंट और धारा 82 के तहत कुर्की का नोटिस जारी कर दिया उसके बाद आरोपी जब्बार ने खुद को कानून के हवाले नहीं किया इस पर अदालत ने नोटिश के कुर्की का आदेश जारी कर दिया डेरापुर थाना पुलिस ने कस्बे के शंकर नगर निवासी सत्तार के बेटे जब्बार जिसकी उम्र करीब 80 वर्ष है उसे गिरफ्तार कर अदालत के सामने पेश कर दिया अदालत ने उसे जेल भेज दिया और फिर शुरू हुआ इस पूरे मामले में किये गए।

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कारनामें का खुलासा जब्बार के बेटे कल्लू बेग ने अधिकारियों से मिलकर पिता को निर्दोष बताया और कहा कि पिता पर आज तक एक भी मामला दर्ज नहीं है और ना ही वह कभी जेल गए लेकिन पुलिस ने उनकी एक न सुनी मामला तूल पकड़ने लगा तो डेरापुर थाना प्रभारी ने छानबीन की तो पता चला कि आरोपी और जेल भेजे गए बुजुर्ग दोनों अलग-अलग है आरोपी और पिता का नाम एक ही है लेकिन आरोपी जिले के कहीं बाहर खुली हवा में घूम रहा है गलतफहमी के चलते आरोपी को जेल भेजा गया है और गलती का एहसास होने पर डेरापुर थाना प्रभारी गंगा सिंह अपनी की गई लापरवाही को सुधारने में जुट गए।

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पुलिस की गलतफहमी की वजह से परिवार परेशान है घर में दुख का माहौल बना हुआ है जब हमने परिवार से बात करनी चाही तो उन्होंने बात करने से मना कर दिया उन्होंने कहा कि पहले मेरे पिताजी छूट कर घर आ जाये इसके बाद ही हम कुछ बोलेंगे जानकारी के अनुसार निर्दोष के परिजनों पर पुलिस ने ऐसा दबाव बनाया है कि वह मीडिया के सामने आने को ही तैयार नहीं उनसे बात करने का कई बार प्रयास किया लेकिन वह कुछ बोलने को तैयार ही नहीं उन्होंने कहा कि अगर वह मीडिया से बात करेंगे तो पुलिस उनके पिता को नहीं छोड़ेगी।

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फिलहाल इस पूरे मामले पर अब तक डेरापुर पुलिस पर जिले के जिम्मेदारों ने कोई कार्रवाई नहीं की है इस परेशान परिवार और उनकी आंख से गिरते आंसू के जिम्मेदार के ऊपर किसी तरह की कोई कार्यवाही नहीं की गई है सवाल यह खड़ा होता है कि आखिर ऐसी लापरवाही कैसे हो गई 1994 का आरोपी जब्बार फरार चल रहा है तो वहीं निर्दोष जब्बार बेगुनाह होते हुए भी जेल में सड़ रहा है परिवार सख्ते में है और दहशत में है कि किसी तरह से उनके पिता छूटकर घर आ जाएं पूरे मामले में पुलिस का जवाब भी गोलमोल है।

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