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पीएचसी डॉक्टर कोरोना काल से नदारत

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कानपुर देहात । एक और जहाँ योगी सरकार सूबे में बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं लोगो को उपलब्ध कराने और स्वास्थ्य महकमे के जिम्मेदार की कार्यशैली
कानपुर देहात । एक और जहाँ योगी सरकार सूबे में बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं लोगो को उपलब्ध कराने और स्वास्थ्य महकमे के जिम्मेदार की कार्यशैली

कानपुर देहात । एक और जहाँ योगी सरकार सूबे में बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं लोगो को उपलब्ध कराने और स्वास्थ्य महकमे के जिम्मेदार की कार्यशैली सुधारने की कड़ी कवायद कर रही है। लेकिन वहीँ सूबे में स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार सुधरने का नाम नहीं ले रहे है. ऐसा ही एक मामला यूपी के जनपद कानपुर देहात में देखने को मिला जहां की एक पीएचसी में तैनात डॉक्टर कोरोना काल से डियूटी से गैरहाजिर चल रहा है। इतना ही नहीं विभागीय कर्मचारियों की साठगांठ से हाजिरी लगाता रहा साथ ही बिना काम के वेतन भी लेता रहा। इस मामले की शिकायत सीएचसी प्रभारी ने उच्चाधिकारियों से की. जानकारी मिलने के बाद स्वास्थ्य महकमे में हड़कंप मच गया जिसके बाद सीएमओ ने कार्यवाही की शुरू कर दी साथ ही शासन को कार्यवाही के लिए पत्र भी भेजा है। साथ ही पूर्व में निकाले गए बिना काम के वेतन की भी रिकवरी का कार्य शुरू कर दिया गया है।

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कानपुर देहात का स्वास्थ्य महकमा इन दिनों चर्चा में बना हुआ है ताजा मामला कानपुर देहात के रसूलाबाद स्वास्थ्य केन्द्र क्षेत्र में बनी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का है। जहां पर पीएचसी में तैनात डॉक्टर शैलेंद्र वर्मा पिछले साल कोविड-19 काल में अपने ड्यूटी से नदारद है जिसके चलते पीएचसी में आने वाले मरीज और तीमारदार लगातार परेशान होते नजर आ रहे है।
स्वास्थ्य महकमे द्वारा रसूलाबाद के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के अधीक्षक की तैनाती पर इस बात का खुलासा हुआ कि डॉक्टर शैलेंद्र वर्मा पिछले साल कोविड़ काल से अपने केंद्र में केवल कागजों और दस्तावेजों में हाजिर थे लेकिन हकीकत में वे नदारत चल रहे है।

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रसूलाबाद के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के अधीक्षक डॉ आशीष मिश्रा ने ड्यूटी से नदारद रहे डॉक्टर शैलेंद्र वर्मा के पूरी जांच पड़ताल की और जब उन्हें इस बात की पुष्टि हो गई कि वाकई में डॉक्टर साहब पिछले 2 वर्षों से अपनी ड्यूटी पर नहीं आए हैं तो उन्होंने कानपुर देहात के मुख्य चिकित्सा अधिकारी से पत्र में लिखकर सीएससी प्रभारी डॉ शैलेंद्र वर्मा की शिकायत कर दी।

मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ० ए के सिंह की मानें तो उन्होंने डॉक्टर का पिछली जुलाई से वेतन भी रोक रखा है और पिछले वर्षों से बिना नौकरी पर आए उठाए जा रहे वेतन के खिलाफ भी कार्यवाही कर पिछले वेतनो को भी डॉक्टर से रिकवरी करने की कार्यवाही शुरू कर दी है।

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