उन्नाव । जहां , बेसिक शिक्षा विभाग एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है । कंपोजिट ग्रांट घोटाले की जांच की आँच अभी ठंडी नहीं हो पाई कि एक माह पहले बीएसए उन्नाव का चार्ज संभालने वाले बीएसए जय सिंह ने नियमों को दर किनार कर एक ही फर्म को 74 लाख के विद्युतीकरण कार्य का लेटर जारी कर दिया । डीएम को ‘ खेल ‘ की जानकारी होने पर सीडीओ से 12 घंटे में जांच रिपोर्ट तलब की । सीडीओ की जांच में बीएसए का ‘ खेल ‘ पकड़ में आ गया है । डीएम ने बीएसए की अनियमितता की रिपोर्ट शासन को भेजी है । डीएम का कहना है कि सख्त कार्रवाई होगी ।
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बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित प्राथमिक व जूनियर स्कूल से शासन स्तर से विद्युतीकरण कार्य कराया जा रहा है । जिले में 230 प्राथमिक विद्यालय व जूनियर विद्यालय में विद्युतीकरण कार्य होना है । जिसके लिए प्रति स्कूल 32143 वहीं बीएसए ने नियम विपरीत एक ही फर्म ‘ त्रिपाठी ट्रेडर्स लखनऊ रोड गभडिया ‘ सुल्तानपुर को 27 जुलाई को विद्युतीकरण कार्य कराने का लेटर जारी कर दिया । शासन के नियम के मुताबिक एक फर्म को नहीं बल्कि अच्छे कार्य की गुणवत्ता के लिए 4 से 5 फर्म को काम देना पड़ता है ।
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जबकि बीएसए ने नियम के विपरीत अपनी चहेती फर्म को काम एलाट कर लेटर जारी कर दिया है । बीएसए का लेटर सामने आने के बाद डीएम उन्नाव रविंद्र कुमार ने पूरे मामले की गोपनीय जांच सीडीओ से कराई । आईएएस सीडीओ दिव्यांशु पटेल की जांच में पाया गया कि बीएसए ने नियमों को दरकिनार कर अपनी चहेती ‘ त्रिपाठी फर्म ‘ को 74 लाख के बजट से 230 प्राथमिक विद्यालय व जूनियर विद्यालय के विद्युतीकरण कार्य करने का लेटर जारी किया है । सीडीओ की जांच रिपोर्ट के आधार पर डीएम ने बीएसए की अनियमितता की रिपोर्ट शासन को भेज दी है। डीएम की रिपोर्ट से बीएसए विभाग में हड़कंप मच गया है ।
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