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औरैया सहित प्रदेश के 56 जनपदों में 8 अगस्त को नौनिहालों को निमोनिया से बचाने को लांच होगी वैक्सीन

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जिला स्तरीय प्रशिक्षण में विशेषज्ञों ने दी जानकारी
जिला स्तरीय प्रशिक्षण में विशेषज्ञों ने दी जानकारी
  • निमोनिया से बचाएगा न्यूमोकॉकल टीका, खिलखिलाएंगे नौनिहाल
  • निमोनिया के साथ ही खून के इंफेक्शन और दिमागी बुखार से भी बचाएगा

औरैया। निमोनिया से होने वाली शिशुओं की मौत पर विराम लगाने को लेकर न्यूमोकॉकल कंजुगेट वैक्सीन (पीसीवी) लांच की जा रही है। आठ अगस्त से इस वैक्सीन को नियमित टीकाकरण में शामिल कर लिया जाएगा। टीका शिशुओं को न सिर्फ निमोनिया बल्कि सेप्सिस (खून का इंफेक्शन), बैक्टीरीयल मेनिनजाइटिस (दिमागी बुखार) से भी बचाएगा। इस वैक्सीन को लेकर शुक्रवार को जनपद के एक स्थानीय होटल में विश्व स्वास्थ्य संगठन और यूनीसेफ के विशेषज्ञों द्वारा विशेष जानकारी व प्रशिक्षण दिया गया। जिसमें विशेषज्ञों द्वारा वैक्सीन के बारे में जानकारी दी गयी ।
इस प्रशिक्षण में डिप्टी सीएमओ डॉ. शलभ मोहन , जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. विक्रम स्वरुप, समस्त चिकित्सा अधीक्षक/प्रभारी चिकित्सा अधिकारी,विश्व स्वास्थ्य संगठन के एसएमओ डॉ चेतन शर्मा , यूनीसेफ के डीएमसी नरेंद्र शर्मा, यूएनडीपी के कोल्ड चेन प्रबंधक सतेंद्र सिंह सहित अन्य स्वास्थकर्मियों ने प्रतिभाग किया। अब ब्लॉक स्तर पर बैठकें और प्रशिक्षण होंगे।

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जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ.विक्रम स्वरुप ने बताया कि जन्म से एक साल की उम्र तक के बच्चों को वैक्सीन तीन टीकों के रूप में दी जाएगी। दो प्राइमरी टीके क्रमश: छह और 14 सप्ताह की उम्र पर और बूस्टर टीका नौ महीने की उम्र पर दिया जाएगा। इस टीके के बाद निमोनिया से होने वाली शिशु मृत्यु दर में निश्चित तौर पर कमी आएगी। उन्होंने बताया कि अभी इस वैक्सीन को प्रदेश के 19 जिलों में नियमित टीकाकरण के तहत दी जा रही थी। अब आठ अगस्त से औरैया सहित कुल 56 जनपदों में इस वैक्सीन को एक साथ लांच किया जा रहा है। पीसीवी वैक्सीन पर जल्द ही ब्लाक स्तर पर बैठकें और प्रशिक्षण होंगे।

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नाक और गले में पाया जाता है बैक्टीरिया

प्रशिक्षक अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ अशोक कुमार ने बताया कि न्यूमोकोकस जिसे स्ट्रेप्टोकोकस न्यूमोनिए भी कहते हैं, एक बैक्टीरिया है। यह स्वस्थ लोगों के नाक और गले में बिना कोई बीमारी किए हुए भी पाया जाता है। यह शरीर के अन्य हिस्सों में भी फैल सकता है और कई बीमारियों न्यूमोनिया, बैक्टीरीमिया, सेप्सिस (खून का इंफेक्शन), बैक्टीरियल मेनिनजाइटिस (दिमागी बुखार), ओटाइटिस मीडिया (कान का इंफेक्शन), साइन्यूसाइटिस, ब्रोन्काइटिस आदि को पैदा कर सकता है।

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कैसे फैलती है बीमारी

न्यूमोकॉकल बीमारी एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति को खांसने और छींकने से फैलती है। यह बैक्टीरिया 5 साल से छोटे बच्चों खासकर 2 साल से छोटे बच्चों, कम प्रतिरोधक क्षमता वाले बच्चों एवं वृद्धों को बीमार कर सकता है।

निमोनिया के लक्षण

खांसी आना, कफ या बलगम आना, बुखार, सांस लेने में तकलीफ, ठंड से कंपकपी, गहरी सांस लेते समय या खांसते समय सीने में दर्द, उल्टी होना, दस्त लगना, पसीना आना, सिरदर्द होना, मांसपेशियों में दर्द होना।

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