Home देश केदारनाथ के कपाट खुले, नहीं मौजूद रहे रावल

केदारनाथ के कपाट खुले, नहीं मौजूद रहे रावल

by

उत्तराखंड के 1000 साल पुराने ज्योतिर्लिंग केदारनाथ मंदिर के कपाट मंत्रोच्चारण के बीच बुधवार सुबह 6:10 बजे खुले। इसके बाद भगवान केदारनाथ की डोली ने मंदिर में प्रवेश किया। खास बात यह है कि कपाट खुलने के दौरान क्वॉरेंटाइन में होने के कारण मंदिर के रावल मौजूद नहीं थे। मुख्य पुजारी ने भगवान केदारनाथ की डोली की पूजा कर उन्हें भोग लगाया।


यूं तो कपाट खुलने के साथ ही केदारनाथ की यात्रा प्रारंभ हो जाती है पूजा और भोग के बाद मंदिर को दर्शन के लिए खोल दिया जाता है, लेकिन इस बार कोरोना संक्रमण के चलते दर्शन के लिए यात्रियों के यहां आने पर प्रतिबंध लगाया गया है ।प्रशासन ने केदारनाथ मंदिर क्षेत्र में भीड़ एकत्र होने पर भी रोक लगाई है, इसके चलते इस बार मंदिर व यात्रा से जुड़ी सदियों पुरानी परंपराओं को बदला गया है। यही वजह है कि केदारनाथ मंदिर के कपाट खुलने के दौरान रावल मौजूद नहीं थे। महाराष्ट्र से उत्तराखंड पहुंचे रावल उखीमठ में 14 दिन के क्वॉरेंटाइन में है, वह 3 मई को केदारनाथ धाम पहुंचेंगे।


द्वादश ज्योतिर्लिंगों में शामिल केदारनाथ धाम के कपाट बैसाख माह ( मार्च-अप्रैल) में खोले जाते हैं और लगभग 6 माह तक की यात्रा व दर्शन के बाद कार्तिक माह ( अक्टूबर-नवंबर) में फिर बंद हो जाते हैं। कपाट बंद होने के बाद केदारनाथ की डोली ऊखीमठ में ले जाई जाती है, कपाट बंद रहने के दौरान ऊखीमठ के इसी मंदिर में उनकी पूजा होती है। बुधवार को मंदिर के कपाट खुलने के दौरान 15-16 लोग ही मौजूद रहे। उधर बद्रीनाथ मंदिर के कपाट खुलने की तारीख अब 15 मई कर दी गई है,पहले 30 अप्रैल को कपाट खुलने थे।

You may also like

Leave a Comment