Home देशजम्मू कश्मीर आम नागरिकों की हत्या के मद्देनजर घाटी में 5 और सीआरपीएफ की कम्पनियां होंगी तैनात

आम नागरिकों की हत्या के मद्देनजर घाटी में 5 और सीआरपीएफ की कम्पनियां होंगी तैनात

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आम नागरिकों की हत्या के मद्देनजर घाटी में 5 और सीआरपीएफ की कम्पनियां होंगी तैनात
आम नागरिकों की हत्या के मद्देनजर घाटी में 5 और सीआरपीएफ की कम्पनियां होंगी तैनात

श्रीनगर। केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) ने मंगलवार को कहा कि वह घाटी में नागरिकों की मौत के मद्देनजर पांच और कंपनियां जम्मू-कश्मीर भेज रहा है। एक सप्ताह में भेजी जाने वाली पांच कंपनियां उन 25 कंपनियों के अलावा एक अतिरिक्त तैनाती होंगी जो पहले से ही जम्मू-कश्मीर में जमीन पर हैं। बीएसएफ की भी वहां 25 कंपनियां तैनात हैं।

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सीआरपीएफ का यह कदम सोमवार को श्रीनगर के बोहरी कदल इलाके में सेल्समैन इब्राहिम की गोली मारकर हत्या करने के कुछ घंटों बाद आया है। वह कश्मीरी पंडित संदीप मावा की एक दुकान में काम करता था। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह द्वारा 23 अक्टूबर को श्रीनगर में बुलाई गई एक उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक के बाद अर्धसैनिक बल की दृश्यता बढ़ा दी गई है। अधिकारियों ने कहा कि श्रीनगर में नागरिकों की हत्याओं के मद्देनजर रात की सतर्कता और प्रभुत्व भी बढ़ रहा है।

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सीआरपीएफ के एक प्रवक्ता ने यह भी कहा कि शहर में हर दिन लगभग 15,000 लोगों की तलाशी ली जा रही है और लगभग 5,000-8,000 वाहनों की विभिन्न पुलिस ‘नाकों’ और बाधाओं पर जांच की जा रही है। इसी तरह की व्यवस्था अन्य शहरों में भी स्थानीय पुलिस के साथ की गई है। यहां तक कि महिलाओं की तलाशी लेने के लिए लाल चौक के आसपास के इलाकों में सीआरपीएफ की महिला जवानों को भी तैनात किया गया है।

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2010-11 में हटाए गए पुलिस अवरोधों और स्थायी बंकरों को घाटी में नागरिकों की हत्याओं के मद्देनजर बहाल कर दिया गया है। अधिकारी ने यह भी कहा कि इस साल अब तक जम्मू-कश्मीर में 112 आतंकवादी मारे गए हैं, जबकि 125 को पकड़ा गया है और दो ने आत्मसमर्पण किया है। प्रवक्ता ने कहा कि सीआरपीएफ और राज्य पुलिस के साथ संयुक्त अभियान में ये सभी उग्रवादी मारे गए या पकड़े गए। जम्मू-कश्मीर में नागरिकों को निशाना बनाकर की गई गोलीबारी में 1 अक्टूबर से अब तक कम से कम 14 लोगों की जान चली गई है।अधिकारियों ने यह भी कहा कि इस साल 13 माओवादी मारे गए हैं, जबकि 603 पकड़े गए हैं और वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में अब तक 486 ने आत्मसमर्पण किया है।

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