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मंदिरों की व्यवस्था समिति में पुरोहितों को शामिल करने के लिये मोदी को पत्र

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मंदिरों की व्यवस्था समिति में पुरोहितों को शामिल करने के लिये मोदी को पत्र
मंदिरों की व्यवस्था समिति में पुरोहितों को शामिल करने के लिये मोदी को पत्रमंदिरों की व्यवस्था समिति में पुरोहितों को शामिल करने के लिये मोदी को पत्र

मथुरा । अखिल भारतीय तीर्थ पुरोहित महासभा ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र भेजकर तीर्थ पुरोहितों को देश के मन्दिरों एवं तीर्थों की व्यवस्था समिति में प्रोटोकोल के अनुसार शामिल करने की मांग की है।

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इस पत्र को आज यहां अखिल भारतीय तीर्थ पुरोहित महासभा की युवा इकाई के राष्ट्रीय अध्यक्ष उज्जैन निवासी अमर डिब्बेवालों की उपस्थिति महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष महेश पाठक ने पत्रकारों को जारी किया । पत्र में कहा गया है कि सांस्कृतिक और पौराणिक महत्व के स्थानों पर स्मार्ट सिटी आदि के नामों से सरकार 12 शहरों में विकास कार्य करा रही है । ये सभी शहर धार्मिक एवं पौराणिकता लिए हुए हैं। इनमें किये गए कार्य इस प्रकार के हों कि वे उस स्थान की धार्मिकता एवं पौराणिकता का प्रतिबिम्ब बने।

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यह तभी संभव है जब कि इसकी अधिकारिक समिति में ऐसे व्यक्ति भी जुड़े जिन्हे उस स्थान की पौराणिकता का पूरा ज्ञान हो।चूंकि अखिल भारतीय तीर्थ पुरोहित महासभा देश की एक मात्र पुरानी सस्था है जो तीर्थो एवं धार्मिकता से जुड़ी है इसलिए इस प्रकार की व्यवस्था हो कि वहां की अधिकारिक समिति में सभा का भी प्रतिनिधित्व होे। इस सदस्य की सहभागिता एवं सामंजस्य से उस शहर का उसी प्रकार विकास होगा जिस प्रकार से उसकी पहचान बनी हुई है।

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प़त्र में यह भी कहा गया है कि वर्तमान में तीर्थ पुरोहित समाज शासन प्रशासन से पीड़ित है साथ ही धर्म संस्कृति से जुड़े विभागों में तीर्थ पुरोहितों का प्रतिनिधित्व न होने से वहां का विकास उस भावना के अनुकूल नही हो पा रहा है जिसके अनुरूप उस तीर्थ की पहचान है। इसके विकल्प के रूप में तीर्थ पुरोहित समाज यह चाहता है कि शासकीय सहयोग संवैधानिक दृष्टि से प्राप्त हो जिससे आपस में सामंजस्य हो किंतु वर्तमान में जिस प्रकार से केदारनाथ, बद्रीनाथ समेत चार धामों में तीर्थ पुरोहितों का तिरस्कार किया जा रहा है। उन्हें अपने स्थान से पदच्युत किया जा रहा है यह उचित नही है।

प्रधानमंत्री से यह अपेक्षा की है कि तीर्थों के समुचित विकास के लिए वे उक्त सुझावों पर ध्यान देकर तीर्थों एवं धर्म संस्कृति से जुड़े विभागों में महासभा का प्रतिनिधित्व देने का आदेश देकर तीर्थों के प्राचीन स्वरूप को बरकरार रखने का ऐसा कार्य करेंगे जो भावी पीढ़ी के लिए मार्ग दर्शन का नमूना बनेगा।
पत्र की प्रतिलिपि उत्तर प्रदेश, उत्तराखण्ड, बिहार, उड़ीसा, मध्य प्रदेश, झारखण्ड, राजस्थान, महाराष्ट्र समेत एक दर्जन राज्यों के मुख्यमंत्री को भी भेजी गई हैं।

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