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इटावा सफारी में पर्यटकों की आमद बढ़ाने के लिए सोशल मीडिया की मदद

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Help of social media to increase the inflow of tourists in Etawah Safari

इटावा । नैसर्गिक सुंदरता से भरपूर चंबल की ऊबड़ खाबड़ वादियों में बसे इटावा सफारी पार्क में पर्यटकों की आमद बढ़ाने के लिये सोशल मीडिया की मदद ली जा रही है।

नए साल पर बड़ी संख्या में देशी विदेशी पर्यटकों को लाने के लिए सफारी पार्क प्रबंधन सोशल मीडिया का सहारा ले रहा है। फेसबुक,यूट्यूब,ट्विटर और इस्टाग्राम के जरिए पर्यटकों को सफारी तक लाने की कसरत जोरशोर से जारी है।

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वैसे तो इटावा सफारी पार्क में बड़ी तादाद में अन्य वन्य जीव भी है लेकिन सबसे बड़ा आकर्षण एशियाटिक शेरों का ही है जिनको देखने के लिए देशी विदेशी पर्यटक बड़ी तादाद में साल भर यहां पहुंचते हैं। पर्यटकों को अधिक से अधिक संख्या में लाने के इरादे से अभी से सफरी प्रबंधन जुट गया है ।

सफारी पार्क के उपनिदेशक अरुण कुमार सिंह बताते हैं कि 25 दिसंबर से पर्यटकों के इटावा सफारी पार्क में बड़ी तादाद में आने की उम्मीद लगाई जा रही है वहीं नए साल को लेकर पार्क प्रबंधन पूरी तैयारियों में जुट गया है। फेसबुक, यूट्यूब,इंस्टाग्राम ,ट्यूटर ,आकाशवाणी आदि माध्यमों से भी सफारी का प्रचार किया जा रहा है। नए साल पर 4 डी थियेटर को भी चालू करने की तैयारी की जा रही है।

सफारी का मुख्य आकर्षण एशियाटिक लायन है, इसके लिए सफारी प्रबंधन ने लायन सफारी के पांच हेक्टेयर एरिया में चार शेरो को छोड़ दिया है, जिनको देख कर के इटावा सफारी पहुंच रहे पर्यटक बेहद गदगद नजर आ रहे हैं। पहले ये शेर एक बाड़े में कैद रहा करते थे लेकिन अब उनको खुले में छोड़ दिया गया है। अब पर्यटक बंद गाड़ी से जाएंगे और शेर खुले में नजर आयेंगे।

पर्यटक मानते हैं कि जिस तरह से उन्हें इटावा सफारी में शेर देखने को मिल रहे हैं इस तरह से शेर देश के दूसरे किसी भी हिस्से में देखने को नहीं मिल पा रहे हैं। राजस्थान से आई एक पर्यटक ने कहा कि राजस्थान में रणथंभोर में भी शेर है लेकिन वह दिखाई देंगे या नहीं दिखाई देंगे। यह नहीं कहा जा सकता लेकिन इटावा सफारी पार्क में हर हाल में शेर नजर आएगा और जो आपको आनंद का एहसास कराएगा । जिस हिस्से में शेरों को छोड़ कर के रखा गया है वहां पर डॉक्टरों की एक टीम भी हमेशा मौजूद रहती है।

इटावा सफारी पार्क के डा. राबिन यादव की अगुवाई में यह टीम मेडिकल टीम में सुबह नौ बजे से शाम पांच बजे तक मौजूद रहती है । इस टीम को तैनात करने के पीछे ऐसा बताया गया कि अगर कोई शेर किसी पर्यटक पर हमला करता है तो ऐसी स्थिति में उस से निपटने के लिए यह टीम काम कर सके।

सफारी पार्क में जहां शेर 20 के आसपास है वही हिरन,काले हिरन,भालू,लेपर्ड,आदि भी बड़ी तादात में मौजूद है। इटावा सफारी पार्क तक पहुंचने के लिए राजधानी दिल्ली से पांच घंटे, ताज नगरी आगरा से दो घंटे, लखनऊ से मात्र तीन घंटे में और बुंदेलखंड के किसी भी हिस्से से मात्र दो घंटे में इटावा सफारी पार्क आसानी से पहुंचा जा सकता है।

सफारी प्रबंधन इटावा और उसके आसपास से निकलने वाले हाईवे और अन्य मुख्य मार्गों पर नौ जगहों पर बड़े बड़े होर्डिंग बैनर लगायेगी। आगरा लखनऊ एक्सप्रेसवे पर तीन, कानपुर आगरा हाइवे पर तीन और इटावा शहर के इंट्री प्वाइंट पर तीन जगह लगाए जाएंगे।

ताजनगरी आगरा के करीब होने के कारण इटावा सफारी पार्क का महत्व अपने आप में बढ़ा है। सफारी पार्क के प्रति पर्यटकों के आकर्षण में लगातार इजाफा हो रहा है। सफारी पार्क अपने आप में इसलिए भी बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह एशिया का एकमात्र ब्रीडिंग सेंटर है जिसके जरिए एशियाटिक शेरों की संख्या में इजाफा होना तय माना जा रहा है। फिलहाल इटावा सफारी पार्क में 20 शेर है इनमें से 10 अकेले इस सफारी पार्क में ही पैदा हुए हैं। तीन भालू भी यहां पर है लेकिन आगरा से एक दर्जन के आसपास भालुओं को लाया जाना है।

सपा सरकार के कार्यकाल में नर्मिति इटावा सफारी पार्क का उद्धघाटन एक जून 2017 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया था ,लेकिन आम पर्यटकों के लिए 25 नम्वबर 2019 को शुभारंभ किया गया था। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने हाल ही में सफारी भ्रमण के दौरान योगी सरकार से इटावा सफारी पार्क काे फंड देने की अपील की थी। उन्होने कहा था कि अगर सफारी बेहतर बनेगी तो पर्यटकों को संख्या में खासा इजाफा होगा इससे सरकार के खाते में राजस्व पहुंचेगा।

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