इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ जर्नलिस्ट्स (आईएफजे) ने कहा देश में डर का माहौल
काबुल/मास्को । इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ जर्नलिस्ट्स (आईएफजे) ने शुक्रवार को कहा कि रेडियो टेलीविजन अफगानिस्तान (आरटीए) की महिला एंकर खदीजा अमीन और शबनम डावरान को तालिबान के समर्थन से आरटीए के नए निदेशक द्वारा धमकाया गया और उनको काम करने से रोक दिया गया है।
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आईएफजे ने एक बयान में कहा ,“ तालिबान के देश पर कब्जा करने के बाद देश में डर का माहौल है। महिला मीडियाकर्मियों को काम करने का अधिकार है, लेकिन उन्हें भी संरक्षित किया जाना चाहिए और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की जानी चाहिए। ”
सुश्री डावरान ने एक बयान में कहा, “ दुर्भाग्य से मुझे अपना आईडी बैज ले जाने के बावजूद अंदर नहीं जाने दिया गया। पुरुष कार्यकर्ताओं को अनुमति दी गयी लेकिन मुझे धमकी दी गयी।”
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वहीं सुश्री खदीजा ने आशंका जतायी कि 20 साल की सामाजिक उपलब्धियां अब खो जाएंगी , क्योंकि तालिबान पिछली बार 2001 में सत्ता में आने के बाद से नहीं बदले हैं।
इससे पहले तालिबान ने दावा किया था कि वे महिलाओं को अध्ययन और काम करने की अनुमति देंगे, हालांकि इसके बावजूद अफगानी महिलाएं अपने भविष्य के लिए संशकित और भयभीत भी हैं।
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अमेरिका ने 9,000 सैनिकों को हटाया
अफगानिस्तान पर तालिबान के नियंत्रण के बाद अमेरिका ने करीब 9,000 सैनिकों को हटा दिया है जबकि जुलाई के बाद वापस होने वाले सैनिकों की संख्या 14 हजार के करीब पहुंच गयी है।
अमेरिकी राष्ट्रपति कार्यालय व्हाइट हाउस के संचार निदेशक केट बेडिंगफील्ड ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा , “ हम प्रत्येक दिन इस संख्या को बढ़ाना जारी रखे हुए हैं। तालिबान के नियंत्रण के बाद हमने अपने करीब 9,000 सैनिकों को हटा लिया तथा जुलाई के बाद से अब तक लगभग 14,000 सैनिकों को वहां से निकाल चुके हैं। हम हवाई अड्डे पर नियंत्रण कर रहे हैं तथा उड़ानें नियमित रूप से संचालित हो रही है।”
उन्होंने कहा कि रक्षा विभाग का प्रतिदिन 20-30 उड़ानों का लक्ष्य है जिसके जरिए प्रत्येक दिन करीब 5,000 लोगों को अफगानिस्तान से बाहर निकाला जायेगा।
नाटो ने अफगानिस्तान के लिए समर्थन निलंबित किया
उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) ने अफगानिस्तान के लिए सभी समर्थन को निलंबित कर दिया है तथा भावी सरकार को अंतरराष्ट्रीय दायित्वों के निर्वहन और मानवाधिकारों की रक्षा करने पर जोर दिया है।
नाटो के सदस्य देशों के विदेश मंत्रियों ने शुक्रवार को एक संयुक्त बयान में कहा, “ मौजूदा परिस्थितियों में नाटो ने अफगानिस्तान के लिए सभी समर्थन को निलंबित कर दिया है। किसी भी भावी अफगानी सरकार को अंतरराष्ट्रीय दायित्वों का पालन तथा सभी अफगानों, विशेष रूप से महिलाओं, बच्चों और अल्पसंख्यकों के मानवाधिकारों की रक्षा करना चाहिए। वहीं कानून के शासन को बनाये रखने के साथ ही यह सुनिश्चित करना चाहिए कि अफगानिस्तान फिर कभी आतंकवादियों के लिए सुरक्षित पनाहगाह न बने।”