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ये कैसा विद्यालय, दीवारों से रिसता पानी जर्जर भवन में पढ़ रहे नौनिहाल

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ये कैसा विद्यालय, दीवारों से रिसता पानी जर्जर भवन में पढ़ रहे नौनिहाल

ये कैसा विद्यालय, दीवारों से रिसता पानी जर्जर भवन में पढ़ रहे नौनिहाल

  • जालौन जिले के कई विद्यालयों की हालत खस्ताहाल
  • कमरों की दीवारों में पड़ी दरारें
  • जान जोखिम में डालकर पढ़ाई कर रहे बच्चे
  • 100 विद्यालयों में होनी है ध्वस्तीकरण की कार्यवाही

यूपी के जालौन जिले में कई विद्यालयों के भवन जर्जर हो चुके हैं। बारिश में छत से पानी टपकता रहता है। दीवारों में दरारें हैं, ऐसे में जान हथेली पर रखकर बच्चे पढ़ाई करने को विवश हैं। यह आलम तब है जब मिशन कायाकल्प के तहत स्कूलों को हाईटेक और मॉडर्न बनाने का दावा किया जा रहा है।रख-रखाव के अभाव में इन स्कूलों के भवन व छत जीर्ण-शीर्ण अवस्था में पहुंच गए हैं। इससे इन स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे जान जोखिम में रखकर शिक्षा ग्रहण करते हैं स्कूल में कमरों की दीवारों पर दरार पड़ गई है जिससे कमरों में बारिश का पानी रिसता है।

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बेसिक शिक्षा विभाग एक ओर स्कूलों के मिशन कायाकल्प में सुधार का दावा कर रहा है तो वहीं जमीनी हकीकत कुछ और है पूरा मामला कोंच विकास खंड के सहपुरा प्राथमिक विद्यालय का है जहां का विद्यालय का वीडियो ग्रामीणों ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया है स्कूल में पढ़ने वाले बच्चो की जान भी जोखिम में है स्कूल के अंदर पानी रिसकर घुस गया है वही इस पूरे मामले में बेसिक शिक्षा अधिकारी जालौन ने बताया की कई स्कूलों में पानी घुसने की शिकायतें हमें मिली हैं। हमने मनरेगा और पंचायत विभाग से बात की जिससे विद्यालयों में जलनिकासी की व्यस्था हो सके ।जनपद जालौन में 292 विद्यालय चयनित किए गए हैं जहां काम किया जाना है। जबकि 193 विद्यालयों में काम चल भी रहा है। बचे हुए 100 विद्यालयों में ध्वस्तीकरण की कार्यवाही के बाद मिशन कायाकल्प के तहत दोबारा निर्माण कराया जाएगा

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