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न हारे थे, न हारे हैं, विजय को पचाना जानते हैं : मोदी

न हारे थे, न हारे हैं, विजय को पचाना जानते हैं : मोदी

न हारे थे, न हारे हैं, विजय को पचाना जानते हैं : मोदी

नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विपक्षी इंडी गठबंधन द्वारा लोकसभा चुनावों में भाजपा की हार के दावे पर आज पलटवार किया और कहा कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सच्चे अर्थों में भारत की आत्मा है और अगले दस साल में राजग देश में विकास एवं सुशासन के नये अध्याय लिखेगा। मोदी ने संविधान सदन (पुरानी संसद) के केन्द्रीय कक्ष में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सहित राजग के सभी घटक दलों के नवनिर्वाचित सांसदों की संयुक्त बैठक में राजग का नेता चुने जाने के बाद अपने संबोधन में कहा कि वह मानते हैं कि लोकसभा चुनाव 2024 के जो नतीजे हैं अगर हर पैरामीटर पर देखेंगे तो दुनिया ये मानती है और मानेगी कि ये राजग का महाविजय है।

उन्होंने कहा कि इस चुनाव में दक्षिण भारत में राजग ने एक नई राजनीति की नींव मजबूत की है। कर्नाटक और तेलंगाना… जहां अभी हाल ही में उनकी (कांग्रेस) सरकारें बनी थीं। लेकिन पल भर में इनसे लोगों का विश्वास टूट गया और राजग को गले लगा लिया। उन्होंने तमिलनाडु की टीम को बधाई देेते हुए कहा कि आज तमिलनाडु में काफी तेजी से राजग का वोट शेयर बढ़ा है। इसी तरह पहली बार केरल से हमारा प्रतिनिधि बन कर आया है। उन्होंने इस जीत का श्रेय पार्टी कार्यकर्ताओं की अथक मेहनत को देते हुए कहा, “पार्टी के लिए लाखों ने भीषण गर्मी के दौरान जिस तरह से दिन-रात काम किया और इसके लिए मैं उनको कोटि-कोटि नमन करता हूं।”

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प्रधानमंत्री ने कांग्रेस एवं इंडी गठबंधन को आड़े हाथों लेते हुए कहा, “दो दिन चला, हम तो गये, हार गये।” उन्होंने कहा कि गठबंधन के इतिहास में संख्या के हिसाब से देखें तो यह सबसे मजबूत गठबंधन सरकार है। इसी जीत को स्वीकार न करने, इस जीत को ‘पराजय की छाया’ में डुबाए रखने की कोशिशें हुईं। लेकिन ऐसे सभी प्रयास निरर्थक रहे। ऐसी चीजों की बालमृत्यु हो जाती है, और ऐसा ही हुआ। उन्होंने कहा, “हम न हारे थे, न हारे हैं! चार जून के बाद हमारा व्यवहार जो रहा है, हम विजय को पचाना जानते हैं।”

उन्होंने कहा कि हमारे संस्कार हैं कि विजय की गोद में हम उन्मादी नहीं होते, ना ही पराजित लोगों को उपहास उड़ाते हैं। उन्होंने कांग्रेस पर प्रहार करते हुए कहा कि 10 साल बाद भी कांग्रेस 100 के आंकड़े को भी नहीं छू पाई। 2014, 2019, 2024 में मिलाकर कांग्रेस को जितनी सीटें मिली हैं, उससे ज्यादा हमें इस चुनाव में मिली हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि वर्ष 2024 के लोकसभा चुनावों का एक परिणाम यह भी है कि इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) जिंदा है। उन्होंने कहा, “चार जून के पहले ये लोग (इंडी गठबंधन) ईवीएम को लगातार गाली दे रहे थे और ये लोग तय करके बैठे थे कि भारत के लोकतंत्र की प्रक्रिया के प्रति लोगों का विश्वास ही उठ जाए। मुझे तो लगता था कि इस बार ये लोग ईवीएम का अर्थी जुलूस निकालेंगे, लेकिन 4 जून को शाम आते-आते उनको ताले लग गए… ईवीएम ने उनको चुप कर दिया। ये भारत के लोकतंत्र की ताकत है।”

उन्होंने कहा कि अब पांच साल बाद 2029 में फिर ईवीएम की बात सुनायी देगी। इंडी गठबंधन ने उच्चतम न्यायालय के दरवाजे खटखटाए कि कैसे रुकावट डालें। चुनाव के पीक ऑवर में चुनाव आयोग की ऊर्जा उच्चतम न्यायालय में उलझाने की कोशिश की। इन लोगों ने भारत की दुनिया में बदनाम करने का कोई मौका नहीं छोड़ा है।

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उन्होंने कहा कि जैसा वह इंडी गठबंधन को देख रहे हैं, वह धीरे धीरे डूब रहा था, अब वह तेज गति से गर्त में जाने वाला है। इंडी गठबंधन वालों से चार जून के बाद आशा थी कि वे लोकतंत्र के जनादेश का सम्मान करेंगे लेकिन शायद ये उनका संस्कार नहीं है। ये खुद अपनी पार्टी के प्रधानमंत्री का अपमान करते हैं।

मोदी ने कहा कि लोकतंत्र हमें सबका सम्मान करना सिखाता है। उन्होंने कहा कि बहुत दिनों से सदन में गुणवत्ता पूर्ण चर्चा की कमी महसूस होती रही है। उम्मीद है कि नये सदन में यह कमी महसूस नहीं हो। राष्ट्रहित की नीयत से सरकार के विरोध में बोला जा सकता है लेकिन राष्ट्र के विरोध में नहीं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि हिंदुस्तान के इतने महान लोकतंत्र की ताकत देखिए कि राजग को आज देश के 22 राज्यों में लोगों ने सरकार बनाकर उनको सेवा करने का मौका दिया है। हमारा ये गठबंधन सच्चे अर्थ में भारत की आत्मा है। हिंदुस्तान की राजनीतिक इतिहास में और हिंदुस्तान की राजनीति के गठबंधन के इतिहास में कोई भी चुनाव पूर्व गठबंधन इतना सफल कभी भी नहीं हुआ है, जितना की राजग हुआ है।

उन्होंने कहा कि राजग के सत्ता प्राप्त करने का या सरकार चलाने का कुछ दलों का जमावड़ा नहीं है। ये राष्ट्र प्रथम की मूल भावना प्रति संकल्पित समूह है। राजग सरकार ने देश को सुशासन दिया है और एक प्रकार से राजग कहते ही सुशासन का पर्यायवाची बन जाता है। हम सबके केंद्र बिंदु में गरीब कल्याण और सुशासन सर्वोपरि रहा है। उन्होंने कहा, “मैं बहुत जिम्मेदारी के साथ कह रहा हूं कि अगले 10 साल में सुशासन, विकास, नागरिकों के जीवन की गुणवत्ता, मेरा व्यक्तिगत रूप से एक स्वप्न है। सामान्य मानवी के जीवन में से सरकार की दखल जितनी कम होगी, उतनी ही लोकतंत्र की मजबूती होगी।”

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उन्होंने कहा, “आज के वातावरण में देश को सिर्फ और सिर्फ राजग पर ही भरोसा है और जब इतना अटूट विश्वास और भरोसा है तो स्वाभाविक है कि देश की अपेक्षाएं भी बढ़ेंगी और मैं इसे अच्छा मानता हूं। मैंने पहले भी कहा था कि पिछले 10 साल का कार्य तो सिर्फ ट्रेलर है। और ये मेरी प्रतिबद्धता है… हमें और तेजी से, और विश्वास से, और विस्तार से… देश की आकांक्षाओं को पूर्ण करने में रत्तीभर भी विलंब नहीं करना है। हम विकास का नया अध्याय लिखेंगे, सुशासन का नया अध्याय लिखेंगे, जनता-जनार्दन की भागीदारी का नया अध्याय लिखेंगे और सब मिलकर के विकसित भारत के सपने को साकार करके रहेंगे।”

उन्होंने कहा कि गरीबों और मध्यम वर्ग को सशक्त बनाना हमारी प्राथमिकता रही है। आज मध्यम वर्ग भारत की विकास गाथा में प्रेरक शक्ति बनकर उभरा है। हम अपने लोगों का कल्याण सुनिश्चित करना जारी रखेंगे और सभी को ‘जीवन की गुणवत्ता’ प्रदान करना जारी रखेंगे।

उन्होंने कहा, “अगर मैं एक तरफ एनडीए रखूं और दूसरी तरफ भारत के लोगों के सपने और संकल्पों को रखूं तो मैं कहूंगा कि एन का मतलब न्यू इंडिया, डी का अर्थ डेवेलप इंडिया और ए का मतलब एस्पीरेशनल इंडिया।” उन्होंने कहा कि इन सपनों और संकल्पों को पूरा करना… ये हम सबका संकल्प भी है, प्रतिबद्धता भी है और हमारे पास रोडमैप भी है।अब हम समय गंवाना नहीं चाहते हैं… अब हमें पांच नंबर की अर्थव्यवस्था से तीसरे नंबर की अर्थव्यवस्था बनना है। उन्होंने कहा कि इसमें राज्यों की भूमिका महत्वपूर्ण है। हम सहयोगी संघवाद की भावना का आदर करते हैं और उससे भी आगे प्रतिस्पर्धी सहयोगी संघवाद की भावना का आग्रह करते हैं जिसमें राज्यों में बीच अधिक से अधिक सरल एवं निवेश अनुकूल नीतियां बनाकर प्रगति करने एवं निवेश आकर्षित करने की भावना बलवती हो। उन्होंने कहा कि जी-20 के अध्यक्षीय कार्यकाल में भारत ने देश के कोने कोने में 200 से अधिक बैठकों का आयोजन किया ताकि राज्यों में भी वैश्विक दृष्टि विकसित हो और विश्व को भारत की विविधता का परिचय मिले।

मोदी ने कहा कि पिछले 10 वर्षों में भारत ने जिन कामों को बल दिया है, आज भारत की छवि विश्वबंधु की बन चुकी है। आज दुनिया हमें विश्वबंधु के रूप में स्वीकार कर चुकी है। हमने हर संकट को जिस प्रकार से हैंडल किया, जिस प्रकार से हमने मानवीय मूल्यों को प्राथमिकता दी। उसका परिणाम है कि सामान्य लोगों के मन में विश्वबंधु का भाव मजबूत हुआ है। कोविड काल में हमने विश्व का वैक्सीन देकर इसका परिचय दिया है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि यह वर्ष हमारे संविधान का ये 75वां वर्ष है और संविधान हमारी भावना है। हम चाहते हैं कि इस 75वां वर्ष को, संविधान की भावना को जन-जन तक पहुंचाएं… इस दिशा में हम काम करना चाहते हैं।

मोदी ने अपनी उपलब्धियों के साथ अगले कार्यकाल के लिए लक्ष्यों की भी चर्चा की और कहा, “मैंने पहले भी कहा है कि मेरा पल-पल देश के नाम है, मेरा पल-पल आपलोगों के नाम है, मैं 24/7 मौजूद हूं। हमें मिलकर के देश को आगे बढ़ाना है। मेरा जीवन एक ही मिशन पर केन्द्रित है- 140 करोड़ भारतीयों को हर कठिनाई से मुक्ति दिलाने का।”

मोदी दोपहर बारह बजे संविधान सदन पहुंचने पर भाजपा के अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा, श्री प्रल्हाद जोशी, श्री अर्जुनराम मेघवाल ने उनकी अगवानी की और केन्द्रीय कक्ष लेकर आये। केन्द्रीय कक्ष ने श्री मोदी ने सबका अभिवादन किया और सांसदों ने भी गर्मजोशी से उनका स्वागत किया। मंचीय व्यवस्था में श्री राजनाथ सिंह, श्री अमित शाह के साथ तेलुगु देशम पार्टी के नेता एन चंद्रबाबू नायडू, जनता दल यूनाइटेड के नेता बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एवं शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे, लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के नेता चिराग पासवान, हिन्दुस्तानी अवामी मोर्चा के जीतनराम मांझी, अपना दल की अनुप्रिया पटेल, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता एवं महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री अजीत पवार, जनता दल सेकुलर के नेता एच डी कुमारस्वामी और जनसेना पार्टी के पवन कल्याण बैठे थे।

सबसे पहले श्री नड्डा ने स्वागत भाषण दिया जिसके बाद श्री राजनाथ सिंह ने श्री मोदी को राजग संसदीय दल का नेता चुने जाने का प्रस्ताव रखा। श्री सिंह ने कहा कि हमारा सौभाग्य है कि हमारे पास मोदी जैसा संवेदनशील एवं जनकल्याणकारी नेता है जो दुनिया में किसी के पास नहीं है। उन्होंने भारत की दशा, दिशा एवं मनोदशा में क्रांतिकारी परिवर्तन लाया है। उनमें ना केवल भारत को बल्कि पूरे विश्व को नयी दिशा देने का सामर्थ्य है। उनके नेतृत्व में भारत सदियों के लिए खुद को मजबूत बनाने के लिए अग्रसर है।

अमित शाह और नितिन गडकरी ने प्रस्ताव का अनुमोदन किया। शाह ने कहा कि दस साल के कार्यकाल में हर क्षेत्र में युगान्तकारी कार्य हुए हैं और उसी का परिणाम है कि 60 साल बाद देश ने एक ही व्यक्ति को तीसरी बार सत्ता सौंपी है। गडकरी ने कहा कि मोदी के कार्यों ने विश्व भर के देश प्रभावित हैं और उनके नेतृत्व में आने वाले पांच वर्ष विश्व में भारत को महानता के शिखर पर ले जाएंगे।

चंद्रबाबू नायडू ने अपने भाषण में कहा कि हम इस समय इतिहास के एक महत्वपूर्ण अध्याय के बीच में हैं जिसे 10 वर्ष पूर्व नरेन्द्र मोदी ने शुरू किया था। वह भारत को एक वैश्विक महाशक्ति बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसका पूरा श्रेय श्री मोदी को जाता है। हमें पूरा विश्वास है कि उनके विकसित भारत 2047 के लक्ष्य को हम हासिल करने में कामयाब होंगे। भारतीय लोग वैश्विक आकर्षण का केन्द्र बनेंगे। जन शासन हो या कारपोरेट शासन, भारत दुनिया का मार्गदर्शन करेगा। श्री मोदी के नेतृत्व में भारत गरीबी मुक्त देश बनेगा। यह श्री मोदी के लिए भी संभव हैै।

नीतीश कुमार ने अपने भाषण के बाद भावुकता में श्री मोदी के चरण स्पर्श किये तो प्रधानमंत्री भी भावुक दिखे। नीतीश कुमार ने कहा कि इस बार विपक्ष के जो लोग चुनाव जीत पाये हैं, अगली बार वे सब हारेंगे। वे सब बिना मतलब की बात करते हैं। आज तक उन्होंने काेई काम नहीं किया। उन्होंने राजग के गठबंधन की मजबूती का दावा करते हुए कहा कि जितने लोग इस बैठक में हैं, सब मिल कर साथ रहेंगे। मंचासीन अन्य नेताओं ने भी बैठक को संबोधित किया। करीब दो घंटे बाद कार्यक्रम का समापन होने के बाद गठबंधन के नेताओं और सांसदों ने मोदी से मुलाकात की।

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