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निजीकरण और पुरानी पेंशन बहाली को लेकर कानपुर देहात में भी विरोध

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निजीकरण और पुरानी पेंशन बहाली को लेकर कानपुर देहात में भी विरोध
निजीकरण और पुरानी पेंशन बहाली को लेकर कानपुर देहात में भी विरोध
  • कर्मचारियों ने किया हल्लाबोल
  • सी एम को संबोधित ज्ञापन डी एम को दिया

कानपुर देहात | पुरानी पेंशन बहाली और निजीकरण के विरोध में आज कानपुर देहात के कर्मचारियों ने भी प्रदेश नेतृत्व के आवाहन पर सरकार के खिलाफ हल्ला बोल दिया है। कर्मचारियों ने अकबरपुर से माती मुख्यालय तक पदयात्रा निकाल मांगो को पूरा करने की मांग को लेकर जमकर नारेबाजी भी की। यही नहीं सरकार पर अनदेखी करने का आरोप लगाते हुए मांगे पूरी न होने पर आंदोलन को और भी तेज करने का ऐलान भी किया।

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साथ ही प्रदर्शनकारी कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व को सौंपा। दरअसल अटेवा पुरानी पेंशन बहाली मंच के नेतृत्व में यूपी में सरकारी शिक्षक, कर्मचारी और अधिकारी पुरानी पेंशन बहाली और सरकारी नौकरियों में सरकार द्वारा किए जा रहे निजी करण का विरोध कर रहे हैं। जिसके चलते पिछले कई दिनों से उत्तर प्रदेश में कर्मचारी विभिन्न माध्यमों और तरीकों से अपना विरोध दर्ज कराते अक्सर नजर आ रहे है।इसी के चलते आज अटेवा पुरानी पेंशन बहाली मंच के नेतृत्व में यूपी के जनपद कानपुर देहात के राज्य कर्मचारियों ने चाहे वह शिक्षक हो या फिर अन्य किसी विभाग से संबंधित कर्मचारी और अधिकारी हो सभी ने एक साथ आकर अपना विरोध दर्ज कराया।

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आज भारी संख्या में कर्मचारियों, अधिकारियों और शिक्षकों ने अकबरपुर से जिला मुख्यालय माती स्थित कलेक्ट्रेट परिसर तक पदयात्रा निकाली। और मुख्यमंत्री को सम्बोधित ज्ञापन अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व को सौंपा। इस दौरान पुरानी पेंशन बहाली और निजी करण को वापस लेने की मांग जोरो से करते नजर आए। प्रदर्शनकारी कर्मचारियों की माने तो सरकार निजीकरण के माध्यम से सरकारी संस्थानों को प्राइवेट सेक्टर की तरफ ले जा रही है जो कहीं ना कहीं भविष्य के लिए खतरा साबित होगा। वही जनप्रतिनिधियों को सरकार पेंशन दे रही है। लेकिन जो कर्मचारी 60 वर्ष की उम्र तक देश की सेवा करता है। उसको पेंशन से वंचित रखा जा रहा है। इसलिए हम इन मांगों को लेकर सरकार से अपील भी कर रहे हैं और साथ ही मांगे पूरी ना होने पर आंदोलन को और तेज करने की बात भी कर रहे हैं।

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