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मां का दूध कोरोना काल में नवजात बच्चे के लिये है अमृत समान

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मां का दूध कोरोना काल में नवजात बच्चे के लिये है अमृत समान
  • मां का दूध बढ़ाता है रोग प्रतिरोधक क्षमता
  • माताऐं कोरोना काल में नवजात बच्चे को जरूर करायें स्तनपान

मैनपुरी – मां का दूध बच्चे के लिये सर्वोत्तम आहार है। कोविड संक्रमण काल में नवजात बच्चे के लिए मां का दूध और भी जरूरी हो गया है। मां का दूध बच्चे की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। इससे बच्चे को कोविड -19 जैसी संक्रामक बीमारी से भी बचाव होगा और बच्चा हष्ट पुष्ट रहेगा।कोविड-19 वैश्विक बीमारी के दौरान सभी सावधानियां और बचाव के नियमों को ध्यान में रखते हुए स्तनपान कराया जाए।

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जिला कार्यक्रम मैनेजर संजीव वर्मा ने बताया कि आंगनवाड़ी कार्यकर्ता गर्भवती एवं धात्री माताओं से मिलकर बैनर, पोषण गीत आदि के माध्यम से जागरूकता फैला रही हैं। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता धात्री महिलाओं को स्तनपान के लिए प्रेरित करते हुए उन्हें साफ -सफाई के साथ मास्क लगाकर स्तनपान के लिए प्रेरित कर रही हैं। ऐसा करने से शिशु के अंदर संक्रमण की संभावना नहीं रहेगी। साथ ही आशा कार्यकर्ता को निर्देशित किया गया है कि वो कोविड-19 के नियमों का पालन करते हुए सभी धात्री महिलाओं के घर जाकर शारीरिक दूरी रखते हुए स्तनपान पर जोर दें। धात्री महिलाओं को पूरी साफ-सफाई रखते हुए मास्क लगाकर शिशुओं को स्तनपान कराने का अभ्यास कराएं। साथ ही स्तनपान के महत्व और उसके लाभ के बारे में भी बताएं।

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स्तनपान से कोविड-19 संक्रमण फैलने की संभावनाएं भी होती हैं कम

एसीएमओ डॉ0 जी.पी शुक्ला ने बताया कि स्तनपान का महत्व कोविड संक्रमण के दौरान और अधिक हो जाता है क्योंकि स्तनपान रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। प्रत्येक मां को शिशु को अवश्य स्तनपान कराना चाहिए। कोविड-19 से संक्रमित मां भी बच्चे को स्तनपान करा सकती हैं। अभी तक किसी भी शोध में यह नहीं साबित हुआ है कि कोविड-19 का वायरस मां के दूध से शिशु में पहुँच सकता है। परंतु मां को सावधानी बरतने की आवश्यकता है।

शिशु को दूध पिलाने से पहले स्तनों को और स्वयं के हाथों को साबुन से कम से कम 40 सेकंड तक धोना तथा चेहरे, नाक व मुँह पर मास्क लगाना चाहिए। यदि मां बीमार है और दूध पिलाने में सक्षम नहीं है तो परिवार के किसी सदस्य के सहयोग से मां के दूध को एक साफ कटोरी में निकालने के बाद उसे चम्मच से पिलाना चाहिए। उन्होंने बताया कि छह माह तक केवल बच्चों को स्तनपान ही कराएं। किसी भी प्रकार से पानी, शहद, घुट्टी आदि कदापि न पिलाएं, क्योंकि माँ का दूध बच्चे के लिए अमृत समान है। शिशु के जन्म के एक घंटे के अंदर मां का पहला पीला गाढ़ा दूध शिशु को जरूर पिलाएं, क्योंकि मां का दूध बच्चे के लिए संजीवनी है।

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स्तनपान से क्या – क्या लाभ हैं

मां के दूध में बच्चे के लिए आवश्यक प्रोटीन, वसा, कैलोरी, लैक्टोज, विटामिन, लोहा, खनिज, पानी और एंजाइम पर्याप्त मात्रा में होते है।
मां का दूध पचने में त्वरित और आसान होता है। यह बच्चे की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है।
बच्चों को कई तरह के संक्रमण से सुरक्षित करता है।
बच्चे के मस्तिष्क के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका का निभाता है।
यह किफायती और संक्रमण से पूरी तरह से मुक्त होता है।

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