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चंदन की खुशबू से महकेगा बुंदेलखंड का जालौन

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चंदन की खुशबू से महकेगा बुंदेलखंड का जालौन

चंदन की खुशबू से महकेगा बुंदेलखंड का जालौन

  • युवा किसान ने अपने एक एकड़ खेत में लगाए चंदन के 400 पौधे
  • 80 हजार खर्च के बाद 15 साल में होगा करोड़ों का फायदा
  • चंदन के साथ-साथ औषधीय महत्व के पौधे भी लगाए

बुंदेलखंड जिसकी पहचान सूखा अतिवृष्टि और ओलावृष्टि से तबाह किसानों के रूप में होती है। उसी बुंदेलखंड के जालौन में एक किसान ने अन्य किसानों के लिए नजीर पेश की है। इस किसान ने अपने खेतों में चंदन की खेती कर बुंदेलखंड की बंजर जमीन में आशा की नई किरण जगाई है । चंदन का नाम सुनते ही दिल और दिमाग में खुशबू महकने लगती है और कीमत से काफी महंगा नजर आता है । जी हां, लेकिन जालौन के एक किसान ने इसी चंदन को अपने आय का स्रोत बनाने के लिए अपने 1 एकड़ खेत में 400 से जायदा चंदन के पौध लगाए हैं।जिनकी भविष्य में कीमत 5 करोड़ आंकी जा रही है।

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बता दें कि जालौन तहसील क्षेत्र के ग्राम सुढ़ार के रहने वाले युवा किसान अंकित पटेल ने चंदन की खेती करने के पहले विशेषज्ञों से सलाह ली। कानपुर में जाकर इसकी ट्रेनिंग ली, तब जाकर उन्होंने अपने खेत में एक एकड़ खेत में चंदन के 400 पौधों को रोपित किया है। अंकित ने चंदन के पेड़ों के साथ-साथ औषधीय और फलदार पेड़ भी लगाएं हैं। अंकित का यह प्रयास जालौन के किसानों के लिए प्रेरणा बनकर सामने आया है। इस दौरान बातचीत में अंकित ने बताया कि उनके 1 एकड़ खेत में कुल 80 हजार रुपए की लागत आई है और तकरीबन 10 से 15 साल बाद इनकी कीमत करीब 5 करोड़ हो जाएगी। इसके साथ ही उन्होंने विश्व की दूसरी सबसे महंगी लकड़ी महोगनी के करीब 100 पेड़ लगाए जो कैंसर जैसी घातक बीमारी के काम आएगा साथ ही यह 200 साल तक घुन से दूर रहेगा। मतलब ये लकड़ी सैकड़ों सालों तक खराब नहीं होती है। डीएफओ जालौन जेपीएन तिवारी का कहना है कि चंदन की खेती एक सराहनीय कदम है। इससे और भी किसानों को प्रेरणा मिलेगी।

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