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स्लग मिड डे मील का कन्वर्जन कॉस्ट और खाद्यान्न बेसिक शिक्षा विभाग ने पहुंचाया अभिभावकों के घर

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स्लग मिड डे मील का कन्वर्जन कॉस्ट और खाद्यान्न बेसिक शिक्षा विभाग  ने पहुंचाया अभिभावकों के घर
स्लग मिड डे मील का कन्वर्जन कॉस्ट और खाद्यान्न बेसिक शिक्षा विभाग ने पहुंचाया अभिभावकों के घर

जालौन : कोविड-19 महामारी ने प्रदेश के सभी सरकारी स्कूलों में ताला लगा दिया है लेकिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बेसिक और माध्यमिक में पढ़ रहे आठवीं तक के बच्चों को मिड-डे मील का राशन बच्चों को उपलब्ध कराने के साथ कन्वर्जन कॉस्ट को अभिभावकों के खाते में पहुंचाने के उद्देश्य से जिले में शिक्षा विभाग में 3 करोड रुपए की धनराशि के साथ 10 हजार कुंटल खाद्य सामग्री अभिभावकों को उपलब्ध करा दी गई है इसके साथ ही रसोइया मानदेय भी एक महीने का सभी को आवंटित करा दिया गया है।

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बेसिक शिक्षा अधिकारी प्रेमचंद्र यादव ने बताया कोरोनावायरस के चलते सरकारी स्कूलों का समय से पहले बंद कर दिया गया था और अनलॉक 3 के बाद भी स्कूलों के संचालन पर रोक लगी हुई है करण शासन के निर्देश पर बेसिक शिक्षा विभाग और माध्यमिक शिक्षा विभाग में पढ़ने वाले बच्चों को मिड डे मील दिया जाता था स्कूल बंद होने के कारण मिड डे मील नहीं दिया जा रहा है योगी सरकार ने मीटिंग मेल में लगने वाली कन्वर्जन कॉस्ट को बच्चों के खातों में भिजवा दिया है इसके अलावा स्माल में होने वाली राशन सामग्री जो बच्चों को दी जाती है उसे भी अभिभावकों को सौंप दिया गया है

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बेसिक शिक्षा अधिकारी ने बताया जिले में कुल 1925 प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालय हैं जिसमें एक लाख 46 हज़ार बच्चे पढ़ते हैं इन बच्चों को बाहर दिन के हिसाब से प्राइमरी के प्रति बच्चों को ₹370 प्रति माह के हिसाब से दिए गए हैं तो वहीं पूर्व माध्यमिक के बच्चों को ₹570 प्रति माह की दर से भुगतान किया गया था इसके लिए शासन से दो किस्तों में धनराशि प्राप्त हुई थी जिसमें तीन करोड़ 65 हजार 700 रुपए अभिभावकों के खाते में भेज दिए गए हैं इसके साथ ही विभाग से 13000 कुंटल खाद सामग्री मांगी गई थी जिसमें 10000 कुंटल सामग्री शासन द्वारा उपलब्ध करा दी गई है जिसका उठान करवा कर अभिभावकों को मार दिया गया है शेष बची हुई धनराशि की डिमांड शासन को लगा दी गई है स्कूल बंद होने से मिड-डे मील बनाने वाले रसोइयों के लिए भी आर्थिक संकट गहरा गया था जिले में 3928 रसोइए कार्यरत हैं इसको देखते हुए शासन ने बेसिक शिक्षा विभाग को उपलब्ध करा दी गई है ।

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