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नवरात्र सप्तमी पर कन्या पूजन के बाद कराया कन्या भोज

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नवरात्र सप्तमी पर कन्या पूजन के बाद कराया कन्या भोज
नवरात्र सप्तमी पर कन्या पूजन के बाद कराया कन्या भोज

औरैया । एक विचित्र पहल सेवा समिति रजि. औरैया द्वारा शारदीय नवरात्रि के पावन अवसर पर मंगलवार को कन्या पूजन के उपरांत कन्या भोज कार्यक्रम का आयोजन किया गया, महिला शाखा तुलसी की अध्यक्ष बबिता गुप्ता ने बताया कि सातवें दिन मां कालरात्रि की उपासना का विधान है, इसके लिए समस्त सिद्धियों का द्वार खुलने लगता है, मां सदैव शुभ फल देने वाली हैं |

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इसी कारण इनका एक नाम शुभंकरी भी है, मां कालरात्रि सभी ग्रह बाधाओं को दूर करने वाली हैं, जगह-जगह देवी मंदिरों में माता का विधि विधान से श्रंगार, पूजन, भजन कीर्तन भंडारा प्रसाद वितरण आदि कार्यक्रमों का आयोजन धूमधाम से हो रहा है, लोगों ने नवरात्रि पर मां भगवती की मूर्ति व घट की स्थापना कर व्रत के साथ विधि विधान से पूजा अर्चना कार्यक्रम प्रारंभ कर दी थी, उन्होंने बताया कि कन्या पूजन जोकि सप्तमी से नवमी के दौरान किया जाता है, बिना कन्या पूजन के नवरात्र का व्रत अधूरा माना जाता है |

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मनोकामना व पुर्ण कार्यों का फल प्राप्त करने के लिए कन्या पूजन किया जाता है, देवी भागवत पुराणों के अनुसार एक समय राजा इंद्र ने ब्रह्मा जी से मां भगवती को प्रसन्न करने का उपाय पूछा तो ब्रह्मा जी ने कहा कि भगवती मां होम, जप-तप दान से उतनी प्रश्न नहीं होती हैं जितनी कि कन्या पूजन से होती है, कन्या पूजन करने से निर्धनता का नाश, वास्तुदोष, घर में शांति, सुख-समृद्धि व समस्त रोग दूर हो जाते हैं तथा शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती है, नवरात्रि में छोटी कन्याओं को माता का स्वरूप माना जाता है |

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धर्म ग्रंथों के अनुसार 3 वर्ष से 9 वर्ष तक की कन्याओं के पूजन का विधान माना गया है, छल और कपट से दूर कन्याएं पवित्र होती हैं, ऐसी मान्यता है कि नवरात्रि में माता जब पृथ्वी लोक पर आती हैं तब कन्या रुप में ही विराजमान हो जाती है, लोगों को कन्या पूजन अपनी सामर्थ्य के अनुसार विधि विधान से कर कन्याओं को भोग, दक्षिणा, कपड़े, सौंदर्य सामग्री आदि श्रद्धा पूर्वक भेंट करनी चाहिये। कार्यक्रम में महिला शाखा तुलसी की सदस्य शशि नीतू बेटू आदि सक्रिय सदस्य मौजूद रहीं।

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