रमज़ान मुसलमानों के लिए बरकत वाला महीना है…जिसका इन्तेजार हर मुसलमान को साल के 11 महीने रहता है… इस्लामिक मान्यताओं के मुताबिक़, इस महीने के एक दिन आम दिनों के हज़ार साल से ज़्यादा बेहतर यानी ख़ास होता है….इस्लाम में चाँद के निकलने के हिसाब से दिन और महीना तय होता है…रमज़ान का महीना उन्तीस या तीस दिनों का होता है..इन दिनों में मुसलमान समुदाय के सभी लोगों पर रोज़ा फ़र्ज़ होता है… इस महीने में मुसलमान बड़ी ही शिद्दत से रोजा रखता है और पांच वक्त का नमाज पढ़ता है…
असल में रमज़ान सिर्फ भूखे रहने का नाम ही नहीं है बल्कि रमज़ान का महीना खुद पर कंट्रोल करना, बुराई को हराना, गरीबों के दर्द को महसूस करना, उनकी मदद करना और खुद को एक अच्छा इंसान बनाना सिखाता है। वो कहते हैं ना, ना बुरा देखो, ना बुरा सुनो और ना बुरा बोलो। बस यही ही रमज़ान है…
देशभर में लॉक डाउन की वजह से मुसलमानों को घर में ही नमाज पढ़ना पड़ेगा… मुसलमानों के तमाम बड़े उलेमाओं ने गुजारिश भी की है कि लोग घरों में नमाज पढ़े और रोजा रखें… साथ ही साथ सरकार द्वारा जारी गाइडलाइंस का पालन करें शासन प्रशासन का सहयोग करें…