प्रयागराज । उत्तर प्रदेश उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग(यूपीएचईएसी) की आशसकीय महाविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसर के 2002 पदों पर भर्ती की पहले चरण की परीक्षा शनिवार से शुरू हो गई मगर प्रवेश पत्र जारी नहीं होने से करीब पांच हजार अभ्यर्थी परीक्षा देने से वंचित रह गये।
यह भी देखें : औरैया में मेधावी श्रद्धा ने संभाली डीएम की कुर्सी स्नेहा बनी एसपी!
तीन चरणाें में होने वाली परीक्षा में कुल 34,824 अभ्यर्थी पंजीकृत है। पहली पाली में 16,462 अभ्यर्थी व दूसरी पाली 16576 अभ्यर्थी पंजीकृत हैं। बाद में 1786 अभ्यर्थियों के अलग से प्रवेश पत्र जारी होने पर परीक्षार्थियों की संख्या बढ़ गई। परीक्षा दो पाली में करायी गई । पहली पाली की परीक्षा में बीएड, रसायन विज्ञान, कृषि प्रसार, कृषि अर्थशास्त्र, कृषि सांख्यिकी, एनिमल हसबैंड्री, वनस्पति विज्ञान, शारीरिक शिक्षा के पेपर हुए ,दूसरी पाली में कॉमर्स, कृषि रसायन, कृषि अभियांत्रिकी, कृषि वनस्पति, ज्योग्राफी, संस्कृत, महिला अध्ययन, एंथ्रोपोलॉजी की परीक्षा हुई । प्रयागराज के 33 केन्द्रो पर परीक्षा करायी गयी।
यह भी देखें : खाली पड़े औद्योगिक प्लॉटों को निरस्त कर उद्यमियों को किए जाएं एलॉट – डीएम उद्योग बंधु समिति की बैठक में एजेंडा तैयार
परीक्षा से एक दिन पहले शुक्रवार की शाम आयोग कार्यालय पर सैकड़ों अभ्यर्थियों ने प्रवेश पत्र जारी न किए जाने को लेकर हंगामा किया। हंगामे की वजह लगभग पांच हजार अभ्यर्थियों के प्रवेश पत्र न जारी होना था । सैकड़ों अभ्यर्थियों ने उत्तर प्रदेश उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग (यूपीएचईएसी) के मेन गेट पर हंगामा किया पर कुछ नही हुआ।
यह भी देखें : हैल्थ एवं वैलनैस सेंटर जगजीवनपुर में मनाया गया सास बेटा बहू सम्मेलन
उप्र उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग की सचिव वंदना त्रिपाठी का कहना है कि अभ्यर्थियों ने बड़ी संख्या में किसी दूसरे रजिस्ट्रेशन नंबर पर फीस जमा कर दी थी। आयोग ने त्रुटि संशोधन के लिए पूर्व में एक सप्ताह का समय दिया था। लगभग 11 हजार अभ्यर्थियों ने अपने आवेदन फार्म अपडेट किए थे। जिन्होंने आवेदन अपडेट नहीं किए, उनके प्रवेशपत्र जारी नहीं हो सके।
अभ्यर्थियों का कहना है कि आवेदन शुल्क जमा कराने के बाद भी उनका एडमिट कार्ड नहीं जारी किया गया । तकरीबन 6660 अभ्यर्थियों के प्रवेश पत्र फंसे हुए थे। इस मसले पर बृहस्पतिवार को भी आयोग में हंगामा हुआ था, जिसके बाद आयोग ने विज्ञप्ति जारी कर यह माना था कि 1786 अभ्यर्थियों ने फीस जमा की थी, लेकिन तकनीकी कारणों से उनके आवेदन अस्वीकृत की श्रेणी में चले गए। आयोग ने शुक्रवार को ऐसे अभ्यर्थियों के प्रवेश पत्र जारी कर दिए, लेकिन बाकी पांच हजार अभ्यर्थियों के प्रवेश जारी नहीं हुए।