विश्व तम्बाकू निषेध दिवस (31 मई) पर विशेष
औरैया। तंबाकू के उपयोग से जुड़े जोखिम को उजागर करने तथा तम्बाकू के लती हो चुके किशोरों, युवाओं व अन्य लोगों को नशे से छुटकारा दिलाने के लिए प्रत्येक वर्ष 31 मई को विश्व तम्बाकू निषेध दिवस’ मनाया जाता है। इसे हर वर्ष एक नई थीम के साथ मनाया जाता है। इस वर्ष की थीम है “हमें भोजन की आवश्यकता है, तम्बाकू की नहीं” । मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. अर्चना श्रीवास्तव ने बताया कि देश में लगभग आठ लाख लोग प्रतिवर्ष तम्बाकू सेवन की वजह से मरते हैं। भारत में कैंसर से मरने वाले सौ रोगियों में 40 तम्बाकू के प्रयोग के चलते मरते हैं। लगभग 95 प्रतिशत मुंह के कैंसर तम्बाकू सेवन करने वाले व्यक्तियों में होते हैं।
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तम्बाकू के धुएं में लगभग चार हजार रासायनिक तत्व होते हैं, जिनमें दो सौ ज्ञात विष व 60 कैंसर पैदा करने वाले तत्व शामिल हैं। तम्बाकू के सेवन से न केवल कैंसर होता है बल्कि ह्रदयरोग, मधुमेह, टीबी जैसी बीमारियां भी व्यक्ति को तबाह करती हैं। राष्ट्रीय तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डा. एपी सिंह के अनुसार धूम्रपान करने या अन्य किसी भी रूप में तम्बाकू का सेवन करने वालों को गंभीर बीमारियों की चपेट में आने की पूरी सम्भावना रहती है। इसमें मुंह व गले का कैंसर प्रमुख हैं। तंबाकू का सेवन ओरल हाइजीन (मुंह की स्वच्छता) को भी बिगाड़ता है, जिससे कई तरह की समस्याओं का इजात होता है। क्योंकि तंबाकू सिर्फ़ इसका सेवन करने वाले को नहीं बल्कि उसके आस-पास रहने वालों को भी नुकसान पहुंचाती हैं, जैसे यदि कोई धूम्रपान करता है तो उसके फेफड़े तक केवल 30 फीसद धुआं पहुँचता है बाकी 70 फीसद धुआं निकटतम लोगों को प्रभावित करता है।
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तंबाकू उपभोगता के बारें में बात करते हुये डॉ सिंह हैं कि सिगरेट एवं अन्य तंबाकू नियंत्रण अधिनियम 2003 (कोटपा( के अंतर्गत सार्वजनिक स्थानों में धूम्रपान करना, 18 वर्ष से कम आयु के बच्चों को तंबाकू उत्पाद बेचना, स्कूल और कॉलेजों के 100 गज की परिधि में तंबाकू उत्पाद बेचना आदि अपराध की श्रेणी में आते हैं। इसका उल्लंघन करने वालों से 200 रूपये का जुर्माना वसूला जाता हैं। वह बताते हैं कि धूम्रपान रोकने के लिए अपनी तलब को थोड़ी देर के लिए भुला दें और धीरे-धीरे घूंट लगाकर पानी पियें। गहरी सांस लें। तम्बाकू सेवन की तलब से ध्यान बंटाने के लिए कोई दूसरा कार्य करें। अपने पास सौंफ, मिश्री, लौंग या दालचीनी रखें और तम्बाकू सेवन की तलब लगते ही इनका इस्तेमाल करें।
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क्या कहता हैं आंकड़ा
वैश्विक वयस्क तम्बाकू सर्वेक्षण-2 (गैट्स-2) 2016-17 के अनुसार भारत में लगभग 42.4 प्रतिशत पुरुष, 14.2 प्रतिशत महिलाएं
और 28.6 प्रतिशत (266.8 मिलियन) सभी वयस्क तंबाकू का सेवन करते है। बीड़ी-सिगरेट व अन्य तम्बाकू उत्पादों के सेवन से आज
हमारे देश में हर साल करीब लगभग 13 लाख 50 हज़ार लोग यानि करीब 3 हजार 6 सौ लोग हर रोज दम तोड़ देते हैं। गैर संचारी
रोगों से मरने वाले 63 प्रतिशत लोगों तंबाकू एक प्रमुख कारण होता है। वही देश में हर दिन लगभग 5 हज़ार 5 सौ युवा तंबाकू खाना
शुरू कर रहे है।