- कानपुर देहात यूक्रेन से लौटी छात्रा ने सुनाई आपबीती
- पैदल चलने से छात्रा के पैरों में आई सूजन
- परिजनों के छलके खुशी के आंसू
कानपुर देहात | यूक्रेन से वापस अपने वतन लौटी छात्रा जाह्नवी कटियार आज अपने घर जनपद कानपुर देहात के कस्बा सिकंदरा पहुंची। जहां परिवार सहित इलाके के लोगों ने जाह्नवी का भव्य स्वागत किया। यही नहीं एसडीएम सिकंदरा ने स्वयं जाह्नवी की अगवानी की। इस दौरान जाह्नवी कई बार भावुक भी हुई।
यह भी देखें : प्रेमी से विवाद के चलते प्रेमिका ने गंगा में लगाई छलांग
वहीं जाह्नवी ने आपबीती बताते हुए कहा कि वहां पर हालात बहुत बुरे बने हुए हैं। भारत समेत कई देशों के छात्र वहां फंसे हुए हैं, साथ ही भारतीय छात्रों के साथ बॉर्डर पर बुरा व्यवहार किया जा रहा है। वहीं दूसरी ओर सिकन्दरा उपजिलाधिकारी महेन्द्र कुमार सिंह ने छात्रा जाह्नवी कटियार का कस्बा के सूर्या ढाबा पर लड्डू खिलाकर मुंह मीठाकर भव्य स्वागत करते हुए घर तक पहुंचाया।
वहीं छात्रा की मां मीना कटियार व बहन प्रिंसी कटियार ने जाह्नवी को फूलमाला पहनाकर माथे पर टीका कर आरती उतारी। इस दौरान छात्रा के परिजनों की आंखों से खूशी के आंसू छलक रहे थे। ब्लाक प्रमुख राकेश कटियार द्वारा राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा लेकर भारत माता की जय का उदघोष किया गया। बताते चलें कि शुक्रवार को जनपद कानपुर देहात के कस्बा सिकन्दरा के मोहम्मद नगर स्थित अपने घर पहुंची |
यह भी देखें : सीआईएसएफ की बस खाई में गिरी, एक जवान की मौत, 11घायल
यूक्रेन में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रही छात्रा जाह्नवी कटियार ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए बताया कि युद्ध के दौरान यूक्रेन में बुरे हालात बने हुए हैं बॉर्डर तक पहुंचने की स्थिति बहुत ही ख़राब है। यूक्रेन से घर वापस आने पर परिजनों से मिलकर बहुत अच्छा महसूस कर रही हूं। इतने दिनों से हम लोगों की हालत ख़राब हो गई थी। जिसमें 15-20 किलोमीटर बॉर्डर में पैदल चलकर पैरों में सूजन आ गई थी।
यह भी देखें : डीएम आवास के बोर्ड का रंग बदलने का मामला, जेई हुआ सस्पेंड
वहीं 4-5 दिनों तक बॉर्डर में फंसे रहे। यूक्रेन में नाइजीरिया, साउथ अफ्रीका,केन्या व पाकिस्तान के छात्र भारतीय झंडे का इस्तेमाल कर रहे थे। जिससे उनको दूसरे देशों के छात्रों की अपेक्षा कठिनाइयों का सामना नहीं करना पड़ रहा था। जाह्नवी कटियार ने बताया कि पांच दिन रात उसने बार्डर पर भूखे प्यासे रहकर काटे हैं। छात्रों के लिए किसी तरह के शेल्टर की सुविधा नहीं है। उन्होंने बताया कि बार्डर पार करने के बाद किसी प्रकार की कोई भी परेशानी नहीं होती है।