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अमराहट कैनाल की निर्माणधीन नहर का प्लास्टर टूटा, जिलाधिकारी ने दिए जांच के निर्देश बनने से पहले टूटने लगी कैनाल

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अमराहट कैनाल की निर्माणधीन नहर का प्लास्टर टूटा
अमराहट कैनाल की निर्माणधीन नहर का प्लास्टर टूटा

कानपूर देहात। पीएम मोदी से लेकर सीएम योगी तक सरकारी योजनाओं को भ्रष्टाचार मुक्त करने और गुणवत्ता पूर्वक कार्य को संपन्न कराने के लिए हर संभव का कवायद रहे हैं। साथ ही जिम्मेदारों को समय-समय पर कड़ी चेतावनी भी दे रहे हैं। इतना ही नहीं विकास कार्यों की समीक्षा कर लापरवाह कर्मचारियों और अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई करते अक्सर नजर आते हैं। बावजूद इसके ना तो सरकारी योजनाओं में भ्रष्टाचार रुक रहा है और ना ही योजनाएं गुणवत्तापूर्ण संपन्न हो रही हैं। कुछ ऐसा ही हाल केंद्र सरकार की महत्वकांक्षी परियोजना कानपुर देहात के बीहड़ के इलाके अमराहट में पानी की समस्याओं को दूर करने के लिए राजीव गांधी कैनाल पंप परियोजना भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ती दिख रही है। अभी इस कैनाल परियोजना का काम पूरा ही नहीं हुआ है कि बनी हुई नहर है अभी से टूटने लग गई हैं। मजदूर जहां इसमें अनिमितता किए जाने की बात कह रहे हैं। वही जिले के जिम्मेदार मामले की जांच करा कर कड़ी कार्रवाई करने की बात कह रहे हैं।

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दरअसल बीहड़ और बुंदेलखंड के इलाकों में हो रही पानी की समस्याओं को लेकर केंद्र सरकार ने राजीव गांधी अमराहट कैनाल पंप परियोजना नाम से एक महत्वकांक्षी परियोजना की शुरुआत करते हुए बीहड़ के इलाकों में नहरों के निर्माण का कार्य शुरू करा दिया था। इसी के चलते जनपद कानपुर देहात के सिकंदरा तहसील क्षेत्र के अमराहट में राजीव गांधी अमराहट कैनाल पंप परियोजना की शुरुआत करते हुए नहरों का निर्माण कार्य शुरू हुआ। जिसके पहले फेज का कार्य समाप्त हो चुका है। वहीं दूसरे फेज का कार्य जारी है। करीब 105 करोड़ की लागत इस परियोजना में जिम्मेदारों को गुणवत्तापूर्ण कार्य करने और समय पर कार्य को पूरा करने के निर्देश शासन द्वारा समय-समय पर दिए जा रहे हैं।

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वही जिले के आलाधिकारियों को परियोजना के कार्यों का औचक निरीक्षण कर गुणवत्ता की परख और जांच करने के निर्देश भी दिए गए हैं। बावजूद यह परियोजना भ्रष्टाचार और गुणवत्ता हीन होती दिख रही है। परियोजना के तहत कराए गए नहरों के निर्माण का कार्य अभी पूरा ही नहीं हुआ है कि नहर का जितना निर्माण हो चुका है वह अभी से ही टूटने लगे है। नहर पर कई जगह गड्ढे अभी से दिखाई देने लगे हैं। वहां कार्य करने वाले मजदूरों की माने तो निर्माण कार्य कराने वाली संस्था ने नहर के निर्माण के समय मानक को ध्यान में नहीं रखा है। जिस मिट्टी का प्रयोग किया जा रहा है। वह इसके लिए उपयोगी नहीं है। साथ ही अन्य मानको को भी ध्यान में नहीं रखा गया है। जिसकी वजह से यह नहर टूट गई है। वही जिले के जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह ने मामले की गंभीरता को देखते हुए मामले की जांच कराकर कड़ी कार्रवाई किए जाने की बात कह रहे हैं।

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