कानपुर देहात । करीब चार दशक पहले देश में दस्यु सुंदरी फूलन देवी गिरोह द्वारा किये गये नरसंहार के दौरान घायल हुआ मुख्य गवाह जंटर सिंह न्याय की आस लिए दुनिया को अलविदा कह दिया है।
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परिजनों ने बताया है कि जंटर पिछले कई दिनों से बीमारी से लड़ रहे थे और उनका इलाज लखनऊ के पीजीआई में चल रहा था आज सुबह उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया है और उनके अंतिम संस्कार के लिए उन्हें पैतृक गांव बेहमई लाया गया।
बेहमई कांड के वादी वाह मुख्य गवाह ने 65 वर्षीय जंटर सिंह ने अंतिम सास ली। उनकी मौत की सूचना बेहमई गांव आते ही शोक की लहर छा गई। परिजनों का कहना है कि बेहमई कांड में जंटर ने राजाराम के साथ बराबर पैरवी की और चाहते थे कि दोषियों को आंख के सामने सजा मिले लेकिन उनकी आस अधूरी रह गई।
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बेहमई कांड में न्याय की आस लिए कई वादी अलविदा कह चुके हैं जिसके बाद कांड में अपनों को खोने वाले लोगो के परिजनों की आंख टूटती हुई नजर आ रही है। डीजीसी एडवोकेट राजू पोरवाल का कहना है कि जंटर सिंह की गवाही पहले ही हो चुकी है,उनके निधन से मुकदमे में कोई फर्क नहीं आएगा और निश्चित तौर पर अपनों को खो चुके लोगों को न्याय मिलेगा।
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कानपुर देहात के बेहमई गांव 14 फरवरी 1981 को उस समय देश दुनिया में चर्चा में आया था, जब दस्यु फूलन गिरोह ने गांव में धावा बोलकर गांव वालों को एक लाइन में खड़ा करके गोलियों की बौछार कर दी थी।इस नरसंहार में बीस लोग मारे गए थे और कुछ लोग गोली लगने से जख्मी हुए थे। गोली लगने से घायल हुए गांव के जंटर सिंह भी थे, जो पुलिस द्वारा दर्ज किए गए मुकदमे में मुख्य गवाह थे।गांव में रहने वाले राजाराम की ओर से मुकदमा दर्ज करके वादी बनाया गया था।वादी राजाराम ही अदालत में मुकदमे की पैरवी करते आ रहे थे, बीते दिनों उनका निधन हो जाने पर जंटर सिंह अदालत में पैरवी कर रहे थे।