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त्याग, निष्ठा और कर्म के लिए समाजसेवियों ने औरैया में महान विभूतियों का किया सम्मान

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त्याग, निष्ठा और कर्म के लिए समाजसेवियों ने औरैया में महान विभूतियों का किया सम्मान

त्याग, निष्ठा और कर्म के लिए समाजसेवियों ने औरैया में महान विभूतियों का किया सम्मान

  • दिबियापुर में आयोजित भव्य समारोह में कई शिक्षण संस्थाओं की स्थापना में अग्रणी रहे रामकृष्ण दुबे का सम्मान
  • प्रमुख चिकित्सक डॉ अशोक कुमार शर्मा को भी किया गया सम्मानित

औरैया। दिबियापुर के नारायणी मंडपम में आयोजित एक समारोह में समाज में त्याग, निष्ठा और कर्म का अनुकरणीय उदाहरण पेश करने वाले वैदिक टेक्निकल एवं औद्योगिक इंटर कॉलेज दिबियापुर के 95 वर्षीय संस्थापक सदस्य राम कृष्ण दुबे एवं दिबियापुर के प्रमुख चिकित्सक व समाज सेवी मां भगवती कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के संस्थापक डॉ अशोक शर्मा को नगर एवं आसपास के गणमान्य लोगों ने भाव विभोर होकर सम्मानित किया। समारोह में आयोजकों और विशिष्ट जनों ने रामकृष्ण दुबे व डॉक्टर अशोक शर्मा को स्मृति चिह्न भेंट करने के साथ शॉल उड़ाकर कर एवं माल्यार्पण कर सम्मानित किया गया। राम कृष्ण दुबे ने वैदिक टेक्निकल एवं औद्योगिक कालेज के विकास को और गति देने के लिए अपने पुत्रों को चुनने के बजाय नगर के प्रमुख समाजसेवी राघव मिश्र को प्रबंध समिति का सदस्य बनाये जाने के लिए अपना इस्तीफा देकर त्याग का कीर्तिमान स्थापित किया है। वहीं डा अशोक शर्मा ने भी अपने भव्य विद्यालय का विद्याभारती को दान देकर त्याग की मिसाल कायम की । दोनों के व्यक्तित्व और कृतित्व पर भाजपा नेता राजेश पांडेय,प्रधानाचार्य राजेश अग्निहोत्री,रिटायर्ड शिक्षक अटल बिहारी चतुर्वेदी,पूर्व प्राचार्य डॉ एमपी शुक्ल,पूर्व प्राचार्य डा अजब सिंह यादव ,समाजसेवी राम कुमार अवस्थी, महेश चंद पांडेय, सूरज प्रकाश गुप्ता,साहित्यकार मुनीष त्रिपाठी एवं समाजसेवी राघव मिश्रा ने प्रकाश डाला। वैदिक इंटर कॉलेज के पूर्व प्रधानाचार्य रहे डॉक्टर अजब सिंह यादव ने राम कृष्ण दुबे के साथ के कार्यकाल के संस्मरण सुनाते हुए संस्था को शिखर पर पहुंचाने के लिए दुबे जी के योगदान की सराहना की।

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कार्यक्रम संयोजक महेश पांडेय ने द्वापर काल में महाराजा दुष्यंत और शकुंतला के पुत्र भरत के त्याग की कथा सुनाते हुए बताया कि राजा भरत के 9 पुत्र थे लेकिन उन्होंने अपने किसी भी पुत्र में राजा होने के गुण न पाए जाने पर प्रजा के नागरिक भारद्वाज भभन्यु को अपना उत्तराधिकारी चुना था ।दुबे जी के द्वारा भी अपने चारों पुत्रों में से किसी में भी वैदिक इंटर कॉलेज को और ऊंचाई तक पहुंचाने के गुण न पाए जाने पर नगर के समाजसेवी राघव मिश्र को चुना। महेश पांडेय ने वैदिक इंटर कॉलेज की प्रबंध समिति से अनुरोध किया की दुवे जी के इस त्याग को आने वाली पीढ़ियां याद रख सकें इसलिए संभव हो तो इंटर कॉलेज का नाम रामकृष्ण वैदिक टेक्निकल एवं औद्योगिक इंटर कॉलेज किया जाए। संचालन मनोज दुबे व अध्यक्षता रमेश चन्द्र तिवारी पूर्व प्राचार्य ने की। कार्यक्रम में सुरेश चंद्र दुबे ,रमेश शुक्ल, अरुण त्रिपाठी पूर्व प्रधानाचार्य, पंकज तिवारी, शिव कुमार दुबे, विनोद तिवारी, रामकुमार मिश्र, कृष्ण चंद्र दीक्षित, रमाकांत त्रिपाठी, योगेश्वर पांडेय, अरुण पांडेय एडवोकेट, आदेश त्रिपाठी एडवोकेट ,राम नाथ तिवारी ,धर्मेंद्र कुमार गुप्त,अमित चतुर्वेदी ,विकास अवस्थी ,नरेंद्र मिश्र शिवम शुक्ला, सतीश चंद्र मिश्र, कमलेश नारायण दुबे ,सतीश चंद्र दुबे, संतोष दुबे ,त्रिलोकी अवस्थी, अरविंद शुक्ल प्रधानाचार्य , प्रमुख समाजसेवी प्रदीप मिश्र, ब्रह्मानंद मिश्र, कृष्ण कुमार वर्मा, बलवान सिंह सेंगर, सभासद राहुल दीक्षित ,सुधीर दुबे, देवी चरण वर्मा ,दीपू दुबे, राम महेश चौबे, अशोक बाजपेई, राम लखन तिवारी, जयप्रकाश मिश्र आदि सैकड़ों गणमान्य लोग उपस्थित रहे।

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