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आगरा के किले में जहां कभी हुआ था अपमान वहीं मनायी गयी शिवाजी जयंती,महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे भी पहुंचे

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आगरा के किले में जहां कभी हुआ था अपमान वहीं मनायी गयी शिवाजी जयंती,महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे भी पहुंचे

आगरा। आगरा के जिस किले के दीवान- ए- आम में कभी छत्रपति शिवाजी का अपमान हुआ था, रविवार को वहीं शिवाजी महाराज का शौर्य गान गूंजा जिसके साक्षी देशभर से आए सैकड़ों लोग रहे।छत्रपति शिवाजी महाराज की 393 वीं जयंती के अवसर पर आगरा किले के दीवान-ए- आम में सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए गए। योगी सरकार के आग्रह पर महाराष्ट्र सरकार द्वारा छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती को ‘शिव जयंती उत्सव’ के रूप में मनाया गया।

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रात करीब 9.30 बजे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे। उन्होंने सबसे पहले छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित किए। कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ डिजिटल रूप रूप से जुड़ें। उन्होने छत्रपति शिवाजी महाराज के जीवनी पर भी प्रकाश डालते हुए कहा कि गुलामी के उस कालखंड में हिंदवी पद पादशाही की स्थापना छत्रपति शिवाजी महाराज द्वारा किया जाना। एक कुशल शासक, रणनीति, अदम्य साहस एवं पराक्रम के साथ अनेक युद्ध लड़े गए।

उन्होंने वीर शिवाजी द्वारा प्रस्ताव गढ़, कोल्हापुर, पनवखंद, चकन, अम्बरखिंड, सूरत, पुरंदर आदि लड़े गए युद्ध का जिक्र करते हुए कहा कि यह सभी युद्ध अविस्मरणीय है। मुगल आक्रांताओं के विरुद्ध अपने साम्राज्य, सभ्यता एवं संस्कृति की रक्षा के लिए किए गए बलिदान का स्मरण करने एवं नवयुवकों में वहीं अलख जगाने के लिए महात्मा फुले जी, लोकमान्य तिलक जी, बंगाल के सखाराम, गणेश देशकर एवं बाबा साहेब जैसे आदि महान विभूतियों द्वारा देश के अलग- अलग क्षेत्रों में छत्रपति शिवाजी महाराज का जन्मोत्सव बहुत धूमधाम से मनाया जाता रहा है। गुरूदेव रविन्द्र नाथ टैगोर ने भी अपनी कविता शिवाजी उत्सव में छत्रपति शिवाजी महाराज के वैभव की भूरी-भूरी प्रशंसा की है।

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शिवाजी महाराज की 393 वीं जयंती के अवसर पर आगरा किले के दीवान-ए-आम परिसर में आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम में सबसे पहले महाराष्ट्र के मशहूर मराठा गायक नितिन सरकाटे, वैशाली माडे और हंसराज ने स्वागत गीत प्रस्तुत किया। इसके बाद ‘महाराष्ट्र गीत’ प्रस्तुत किया गया। ‘जय- जय महाराष्ट्र माझा, गरजा महाराष्ट्र माझा’….गीत सुनाया। ‘जय जय महाराष्ट्र माझा, गरजा महाराष्ट्र माझा’ का अर्थ है ‘महाराष्ट्र की जय’ होता। राजा बधे द्वारा लिखे गए और शाहीर साबले के नाम से लोकप्रिय बालादीर कृष्णराव साबले द्वारा इसे गाया गया। हाल ही में महाराष्ट्र सरकार ने इसे राज्य गीत के रूप में मान्यता दी है। इसके बाद पुणे से आए महाराजा शंभू छत्रपति प्रोडक्शन के कलाकारों द्वारा ‘पालना गीत’ प्रस्तुत किया गया। पालना गीत के माध्यम से शिवाजी महाराज का जन्मोत्सव प्रस्तुत किया गया।

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वहीं इंडियाज गॉट टैलेंट आर्टिस्ट सर्वम पटेल ने सैंड आर्ट से छत्रपति शिवाजी महाराज की मनमोहक जीवनी को प्रस्तुत की। जिसकी लोगों ने खूब सराहना की। गायक नितिन सरकाटे और वैशाली माडे ने ‘आगरा गीत’ प्रस्तुत किया गया। शिव जयंती करने हम, सब आगरा आए हैं…शिव बा के बावड़े हम, जल जोश में करते हैं…. गाना प्रस्तुत किया। इसके बाद महाराजा शंभू छत्रपति प्रोडक्शन पुणे के 70 कलाकारों द्वारा छत्रपति शिवाजी महाराज के जीवन पर आधारित नाट्य रूपांतरण को प्रस्तुत किया गया। इसमें नाटक में छत्रपति शिवाजी महाराज के जीवन के महत्वपूर्ण प्रसंग को प्रस्तुत किया गया।

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