Home देशशहर और राज्यउत्तर प्रदेश शाहजहांपुर की जेल में कैदी तैयार कर रहे फूलों और सब्जियों से प्राकृतिक रंग और गुलाल

शाहजहांपुर की जेल में कैदी तैयार कर रहे फूलों और सब्जियों से प्राकृतिक रंग और गुलाल

by Tejas Khabar
शाहजहांपुर की जेल में कैदी तैयार कर रहे फूलों और सब्जियों से प्राकृतिक रंग और गुलाल

शाहजहांपुर । उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जेल में होली के त्यौहार को हर्षोल्लास से मनाने के लिए तथा बाजार में केमिकल युक्त रंग एवं गुलाल से बचने के लिए बंदियों द्वारा प्राकृतिक एवं ऑर्गेनिक रंग एवं गुलाल तैयार किया जा रहा है जिसे जेल के सभी अधिकारियों, कर्मचारी एवं बंदियों द्वारा प्रयोग किया जाएगा। जेल अधीक्षक मिजाजी लाल ने शनिवार को यूनीवार्ता को बताया कि इस वर्ष जिला कारागार में होली बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाने की तैयारी चल रही है । बंदियों में विशेष उत्साह देखने को मिल रहा है। जेल में सभी अधिकारी एवं कर्मचारी सभी बंदियों के साथ मिलकर हर्षोल्लास के साथ होली का त्यौहार मनाते हैं और एक दूसरे को गुलाल लगाकर गले मिलते हैं साथ ही ढोल नगाड़े के साथ होली के फाग गाते हैं और नाचते हैं।

यह भी देखें : एक्सिस पब्लिक स्कूल में बच्चों के साथ शिक्षकों ने भी मनाया होली उत्सव

इसमें महिलाएं भी पीछे नहीं रहती हैं महिलाओं द्वारा भी महिला बैरक में अलग से तैयारी की जा रही है। इसमें होली के गानों पर नृत्य की रिहर्सल महिलाएं कर रही हैं। श्री लाल ने बताया कि प्राकृतिक एवं शुद्ध सब्जियों एवं फूलों से गुलाल एवं रंग कारागार में ही तैयार किये जा रहे हैं जिसमें विशुद्ध रूप से कारागार में ही पैदा की जा रही सब्जियां एवं सुगंधित फूलों का इस्तेमाल किया जा रहा है। चुकंदर से लाल रंग का गुलाल एवं रंग तैयार किया जा रहा है तथा मेरीगोल्ड के फूलों से पीला रंग एवं गुलाल तैयार किया जा रहा है ।

यह भी देखें : कानपुर-प्रयागराज के बीच चेकिंग अभियान में पौने दो लाख वसूले

पालक से हरा रंग एवं गुलाल तैयार किया जा रहा है, देशी गुलाब के फूलों से लाल रंग व गुलाल तथा सभी रंगों में गुलाब के फूलों का मिश्रण कर उन्हें सुगंधित बनाया गया है। इसी प्रकार अन्य सब्जियों एवं फूलों से अलग-अलग रंग एवं गुलाल तैयार किया जा रहे हैं। बाजार में उपलब्ध केमिकल से तैयार गुलाल एवं रंग हमारे शरीर को बुरी तरह से प्रभावित करते हैं । कारागार में इस वर्ष भी प्राकृतिक रंगों का प्रयोग किया जाएगा, जिनका निर्माण कारागार में ही उत्पादित सब्जियों और फूलों की मदद से किया गया है।

You may also like

Leave a Comment