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संसद के बजट सत्र का समापन,अनिश्चित काल के लिये कार्रवाई स्थगित

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संसद के बजट सत्र का समापन,अनिश्चित काल के लिये कार्रवाई स्थगित
संसद के बजट सत्र का समापन,अनिश्चित काल के लिये कार्रवाई स्थगित

नई दिल्ली। संसद के बजट सत्र का समय से एक दिन पहले समापन कर दिया गया। बजट 2022 सत्र के दूसरे चरण का आज 17वां दिन और अंतिम दिन रहा। संसद के उच्च सदन राज्यसभा और निचले व लोकप्रिय सदन लोकसभा की कार्रवाई अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई। बजट सत्र का पहला चरण 31 जनवरी से 11 फरवरी तक चला था। जबकि दूसरा चरण 1 फरवरी से शुरू होकर 8 अप्रैल तक चलना था। राज्यसभा की बैठक निर्धारित तिथि से एक दिन पहले ही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई। विपक्षी दलों के हंगामे के कारण सभापति एम वेंकैया नायडू अपना पारंपरिक समापन संबोधन भी नहीं दे सके।

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आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखे जाने के बाद सभापति नायडू ने जैसे ही शून्यकाल आरंभ कराया, कांग्रेस और शिव सेना सहित कुछ अन्य विपक्षी दलों के सदस्यों ने किसी घोटाले का उल्लेख करते हुए हंगामा आरंभ कर दिया। सभापति ने हंगामा कर रहे सदस्यों से कहा कि आज बजट सत्र का आखिरी दिन है और वह कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने जा रहे हैं, लिहाजा सदस्य व्यवधान ना डालें। सभापति ने शून्यकाल के तहत तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओब्रायन से उनका मुद्दा उठाने के लिए कहा। डेरेक ने सामाजिक सद्भाव के विषय से जुड़ा एक मुद्दा उठाया। 

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हालांकि हंगामे के कारण उनकी बात नहीं सुनी जा सकी। उनके बाद आसन की अनुमति से बीजेपी के सुशील कुमार मोदी ने कश्मीरी पंडितों का मुद्दा उठाया और सरकार से मांग की कि उनके खिलाफ हुए ‘‘जघन्य’’ अपराधों की जांच के लिए उच्चतम न्यायालय के किसी सेवानिवृत्त न्यायाधीश के नेतृत्व में विशेष जांच दल का गठन किया जाए। इस दौरान सदन में विपक्षी सदस्यों का हंगामा जारी था। कुछ सदस्य आसन के समक्ष आ कर नारे लगा रहे थे। सभापति ने इन सदस्यों से कहा कि उनके आचरण से गलत संदेश जा रहा है। उन्होंने सदस्यों से बार-बार आग्रह किया कि वे अपने-अपने स्थानों पर लौट जाएं, हंगामा ना करें और कार्यवाही को आगे बढ़ने दें।

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सदन में हंगामा जारी रहने पर नाखुशी जाहिर करते हुए नायडू ने कहा, ‘‘मैं इससे बहुत दुखी हूं।’’ उन्होंने अपना पारंपरिक समापन संबोधन भी नहीं दिया और सदन की कार्यवाही 11 बजकर 19 मिनट पर अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया। बजट सत्र के दौरान लोकसभा में 27 बैठकें हुईं और सदन की कार्य उत्पादकता 129 प्रतिशत रही। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा, ‘‘सत्र के दौरान सदन की बैठकें लगभग 177 घंटे 50 मिनट तक चलीं। इस दौरान 182 तारांकित प्रश्नों के उत्तर दिये गए।’’ उन्होंने बताया कि बजट सत्र के लिए लोकसभा की कार्यवाही 31 जनवरी को शुरू हुई जब राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को केंद्रीय कक्ष में संबोधित किया। 

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बिरला ने बताया कि 2, 3,4 और 7 फरवरी को राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा हुई और सात फरवरी को धन्यवाद प्रस्ताव को ध्वनिमत से मंजूरी दी गई। इस पर 15 घंटे 13 मिनट चर्चा हुई। बिरला ने कहा कि 1 फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2022-23 का केंद्रीय बजट पेश किया। इस पर 7,8,9 और 10 फरवरी को चर्चा हुई। निचले सदन ने बजट पर 15 घंटे 35 मिनट तक चर्चा की। सदन में रेल मंत्रालय, सड़क एवं परिवहन मंत्रालय, नागर विमानन मंत्रालय, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय तथा पोत परिवहन मंत्रालय के नियंत्रणाधीन अनुदान की मांगों पर चर्चा हुई और उन्हें पारित किया गया।

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24 मार्च को शेष मंत्रालयों की अन्य सभी अनुदान की मांगों को एक साथ सभा में मतदान के लिये रखा गया और सभी को एक साथ पारित किया गया। अध्यक्ष ने बताया कि सत्र के दौरान 12 विधेयक पुन:स्थापित किये गए और 13 विधेयक पारित हुए। सत्र के दौरान सदन में जम्मू कश्मीर संघ राज्य क्षेत्र के लिये अनुदान की मांगों (2022- 23) और अनुदान की अनुपूरक मांगों (2021-22) को भी पारित किया गया। सत्र के दौरान पारित किये गए कुछ महत्वपूर्ण विधेयकों में वित्त विधेयक 2022, दिल्ली नगर निगम संशोधन विधेयक 2022, सामूहिक संहार के आयुध और उनकी परिदान प्रणाली (विधि विरूद्ध क्रियाकलापों का प्रतिषेध) संशोधन विधेयक, 2022 तथा दंड प्रक्रिया (शिनाख्त) विधेयक, 2022 शामिल हैं। उन्होंने कहा कि सदन में प्रश्नकाल में प्रतिदिन औसत आठ प्रश्नों के उत्तर दिये गये। 

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