- नक्सल प्रभावित क्षेत्र सम्मेद शिखर की वंदना से लौटे व्यापारी नेताओ का हुआ जोरदार स्वागत
- व्यापारी नेता आकाशदीप जैन का हुआ स्वागत
- ‘एक बार वंदे जो कोई, ता ही नर्क पशु गति नहीं होई’
इटावा। जैन धर्म के सर्वोच्च तीर्थ झारखंड राज्य के गिरिडीह जिले में स्थित तीर्थराज सम्मेद शिखर जो नक्सल प्रभावित इलाके में है उसकी वंदना करने गये इटावा के व्यापारी नेताओं का यात्रा कर वापस लौटने पर स्वागत किया गया। उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मण्डल उ.प्र. के जिला महामंत्री एवं विश्व जैन संग़ठन के जिलाध्यक्ष आकाशदीप जैन एवं शहर अध्यक्ष रजत जैन सहित अन्य श्रद्धालुओं का इटावा के व्यापारीयो एवं साधर्मियो ने रेलवे स्टेशन पर फूल माला, पगड़ी पहनाकर ढोल नगाड़ों के साथ धूमधाम से स्वागत किया।
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इटावा से गये यात्रियों का नक्सली इलाके के गिरिडीह पथ पर मधुबन थाना क्षेत्र के समीप बीते मंगलवार की रात को नक्सली अपराधियों द्रारा लूटपाट का शिकार होना पड़ा। आकाशदीप जैन ने बताया झारखंड मोड़ पर कसमाकुरहा के समीप नक्सली अपराधियों ने मुख्य सड़क पर बड़े पत्थर डाल कर मार्ग अवरुद्ध कर दिया था उनकी टैक्सी को रोक कर असलाह एवं पत्थरो से हमला किया गया पन्द्रह मिनट के बाद मौके पर पहुँची केन्द्रीय रिज़र्व पुलिस बल एवं स्थानीय पुलिस के पहुचने से उनकी सहित अन्य तीन यात्रियों की जान बच सकी।
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उन्होंने बताया जैन धर्म के विश्व प्रसिद्ध तीर्थ सम्मेद शिखर पर्वत की वंदना 36 किलोमीटर की नंगे पैर कठिन पगडंडियों पर की जाती है। जैन धर्म के शास्त्रों में लिखा है कि ‘एक बार वंदे जो कोई, ता ही नर्क पशु गति नहीं होई’ जिसका अर्थ है अपने जीवन में सम्मेद शिखर तीर्थ की एक बार यात्रा करने पर मृत्यु के बाद व्यक्ति को पशु योनि और नरक गति प्राप्त नहीं होती। रेलवे स्टेशन पर स्वागत करने वालो में व्यापार मंडल जिलाध्यक्ष आलोक दीक्षित, कोषाध्यक्ष क़ामिल कुरैशी, युवा जिलाध्यक्ष पावेन्द्र शर्मा, महिला शहर अध्यक्ष किरन सोनी, महामंत्री रेनू शुक्ला, अर्चना कुशवाहा, रियाज अहमद, राजू जैन, सैय्यद लकी, जैनुल आब्दीन, लकी सोनी, गौरव जैन, कमलेश जैन सहित सभी धर्मसंप्रदाय के लोग मौजूद रहे।