- धात्री महिलाओं को आंगनबाड़ी कार्यकर्ता समझा रहीं स्तनपान के फायदे
- प्रभावी स्तनपान के लिए सही तकनीक की जानकारी होना जरूरी – सीडीपीओ
इटावा। जनपद के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों पर सात अगस्त तक विश्व स्तनपान सप्ताह मनाया जा रहा है। इसी के तहत आंगनबाड़ी कार्यकर्ता अपने क्षेत्र की धात्री महिलाओं को प्रभावी स्तनपान सम्बन्धी सटीक जानकारी देने में जुटी हैं और इसका फायदा भी समझा रहीं हैं । इसके साथ ही पौष्टिक खानपान और बच्चे को सही तरीके से स्तनपान कराने के विषय में विस्तार पूर्वक जानकारियां भी दी जा रही हैं। यह कहना है बाल विकास परियोजना अधिकारी (सीडीपीओ) अरविंद रस्तोगी का। सीडीपीओ ने बताया – विश्व स्तनपान सप्ताह के दौरान स्तनपान से संबंधित धात्री महिलाओं की जो भी समस्याएं या भ्रांतियां हैं उन्हें भी दूर कियाजा रहा है। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-पांच (2019-21) के अनुसार इटावा में शीघ्र स्तनपान की दर 30.4 प्रतिशत है। छह माह तक के शिशुओं को केवल स्तनपान की दर 57.6 प्रतिशत है। शिशुओं में शीघ्र स्तनपान, केवल स्तनपान उनके जीवन रक्षा के लिए अत्यंत आवश्यक है। जानकारी के अभाव और समाज में प्रचलित विभिन्न मान्यताओं के कारण यह सुनिश्चित नहीं हो पाता है, इसीलिए सामुदायिक जागरूकता बहुत आवश्यक है।जनपद के नगरीय क्षेत्र की मुख्य सेविका उमा ने बताया कि मां का दूध बच्चे के लिए अमृत समान होता है। इसलिए धात्री को सही तकनीक से प्रभावी स्तनपान करवाना बहुत आवश्यक होता है।
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उन्होंने बताया कि यदि मां बाहर जाकर काम करने वाली है तो मां का दूध संरक्षित कर छह घंटे तक सुरक्षित रखा जा सकता है। इससे बच्चे को समय-समय पर मां का दूध उपलब्ध कराया जा सकता है। उन्होंने बताया कि मां का प्रथम पीला गाढ़ा (कोलेस्ट्रम) दूध बच्चे के लिए सर्वोत्तम आहार होता है। जो उसे कई बीमारियों से बचाता है। आंगनबाड़ी केंद्र पक्का बाग की मीरा देवी ने बताया कि विश्व स्तनपान सप्ताह के अवसर पर हम अपने केंद्र पर धात्री महिलाओं को बुलाकर स्तनपान के संबंध में जानकारी दे रहे हैं,सभी को बताते हैं कि बच्चे को दिन में 10 से 12 बार स्तनपान करवाएं व स्तनपान कराते समय स्तनों की साफ सफाई का विशेष ध्यान रखें। स्तनपान कराते समय बच्चे को कंगारू मदर केयर दें | इसके साथ ही स्तनपान कराते समय निप्पल का सिरा शिशु के मुंह के अंदर सही से जाए उसकी नाक बंद न हो, इस बात का विशेष ध्यान रखें और बच्चे को दूध पिलाते समय सहलाएं व सही ढंग से शिशु को गोद में लेकर स्तनपान करवाएं। उन्होंने बताया कि जिन महिलाओं के नवजात शिशु होते हैं उनके घर जाकर प्रभावी स्तनपान की तकनीक और जानकारियां प्रदान कर रही हूं जिससे मां बेहतर तरीके से शिशु को स्तनपान करवा पाए।