तेजस ख़बर

जानवरों को चारा खिलाने गये मां बेटा दीवार के मलवे में दबे, मां की अस्पताल ले जाते समय हुई मृत्यु

जानवरों को चारा खिलाने गये मां बेटा दीवार के मलवे में दबे, मां की अस्पताल ले जाते समय हुई मृत्यु

जानवरों को चारा खिलाने गये मां बेटा दीवार के मलवे में दबे, मां की अस्पताल ले जाते समय हुई मृत्यु

फफूंद । थाना क्षेत्र के ग्राम शेरपुर सरैया में सोमवार की सुबह मां बेटे अपने जानवरों को चारा खिला रहे थे तभी पड़ोस की जर्जर दीवार गिरने से उसके मलवे में मां बेटा सहित उनकी भैंस और गाय दब गयी । आनन फानन में ग्रामीणों ने मां बेटे को मलबे से निकाला । परिजन उन्हें अस्पताल ले जा रहे थे तभी रास्ते में महिला की मृत्यु हो गयी । अचानक घटी घटना से परिजनों का रो रो कर बुरा हाल है ।

यह भी देखें : अग्निपथ योजना के विरोध प्रदर्शन के मद्देनजर एडीएम, एएसपी ने स्टेशन पर किया भ्रमण

सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। सोमवार की सुबह लगभग 6 बजे थाना क्षेत्र के ग्राम शेरपुर सरैया निवासी 55 वर्षीय सिया बेटी पत्नी चन्द्रपाल यादव अपने घर के सामने बंधे जानवरों को चारा दे रही थी उसका पुत्र संजय 21 वर्ष भी उसके साथ में जानवरों को चारा खिला रहा था तभी सड़क के दूसरी तरफ पड़ोसी यतेंद्र तिवारी के घर की दीवार जो ककइया ईटों की थी अचानक भरभरा कर गिर गई ।

दीवार काफी ऊंची होने से सड़क की दूसरी तरफ चन्द्रपाल यादव के चबूतरे से लेकर बरामदे तक जा गिरी जिसके मलवे में जानवरों को चारा खिला रहे मां बेटा सहित उनकी गाय और भैंस भी दब गई। दीवार गिरने की आवाज सुनकर गाँव वाले दौड़ पड़े और मलवे में दबे मां बेटे को निकाला । परिजन उन्हें अस्पताल ले जा रहे थे तभी महिला की रास्ते में ही मृत्यु हो गई जबकि उसके घायल पुत्र का इलाज चल रहा है। वहीं मलबे में दबकर एक गाय और भैंस की भी मृत्यु हो गई है। मृतिका के दो पुत्र व तीन पुत्रियाँ है। अचानक घटी इस घटना से परिजनों का रो रोकर बुरा हाल है।

यह भी देखें : विछा सकते नही जो प्रेम की एक भी चादर वही वारूद मन्दिर और मस्जिद में विछाते है

बताते चलें कि जहाँ दीवार गिरी है उस गली में पानी निकासी सही न होने से वहां पानी भरा रहने से पुरानी बनी दीवारें कमजोर हो गई थीं । विगत लगभग डेढ़ माह पूर्व पानी निकासी की समस्या को लेकर खबरें भी प्रकाशित की गई थी। खबरों का संज्ञान लेकर मौके पर तहसीलदार सहित अन्य अधिकारियों ने इसका मौका मुआयना कर पानी निकासी के निर्देश भी दिये थे । ग्रामीणों की माने तो उनका कहना था कि गली में पानी भरे रहने से दीवार कमजोर हो गयी थी जिसके गिरने से आज इतना बड़ा हादसा हो गया यदि समय रहते पहले ही गली में सही पानी निकासी होती तो न पानी गली में भरता और शायद यह हादसा भी न होता ।

Exit mobile version