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बिलखती रही प्रसूता, नहीं मिला उपचार रेफर होने की बाद तोड़ा दम

बिलखती रही प्रसूता, नहीं मिला उपचार रेफर होने की बाद तोड़ा दम

बिलखती रही प्रसूता, नहीं मिला उपचार रेफर होने की बाद तोड़ा दम

औरैया। शहर के 50 शैय्या युक्त जिला संयुक्त चिकित्सालय में भ्रष्टाचार का आलम लंबे समय से चला आ रहा है। सीएमएस की कृपा पात्र एक महिला कर्मचारी ने प्रसूता के पति से डिलीवरी करवाने के नाम पर सुविधा शुल्क के रुप में रुपए मांगे थे। जब महिला के पति ने असमर्थता जताई उसी समय महिला कर्मचारी ने उसे डांटते हुए कहा कि जब पैसा नहीं है तो यहां क्यों लाये हो। यह कहते हुए अस्पताल से भगा दिया। इसके बाद अस्पताल के बाहर सड़क पर सीएमएस सहित डॉक्टर पहुंच गये और पुनः अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन उपचार के नाम पर महिला को कोई तवज्जो नहीं दी गई। महिला अस्पताल में प्रसव पीड़ा से छटपटा रही थी। इतना ही नहीं सुविधा शुल्क मांगने वाली महिला कर्मचारी अस्पताल छोड़ कर चली गई थी। गुरुवार की रात उसे रेफर कर दिया गया। सैफई ले जाते समय महिला की रास्ते में ही मौत हो गई।

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विकासखंड भाग्यनगर थाना फफूँद क्षेत्र के ग्राम तर्रई फतेहपुर बेनी निवासी सज्जन शर्मा पुत्र लाखन सिंह शर्मा की पत्नी विमला देवी को गुरुवार की शाम प्रसव पीड़ा हुई। जिसके चलते वह अपनी पत्नी को 50 शैय्या युक्त जिला संयुक्त चिकित्सालय में लाया और भर्ती कराया। उसी समय अस्पताल की महिला कर्मचारी ने सज्जन से प्रसव कराने के नाम पर 5 हजार रुपए की मांग की। जिस पर महिला के पति ने कहा की उसके पास रुपए नहीं है, तभी महिला कर्मचारी ने उसे डांटा और कहा कि जब तुम्हारे पास रुपए नहीं है तो यहां क्यों लाये। यहां से और कहीं ले जाओ। इसी बात को लेकर महिला का पति अपनी पत्नी को गोद में उठाकर दूसरी जगह ले जाने के लिए निकला और महिला को वाहन का इंतजार करते हुए सड़क के किनारे फुटपाथ पर लिटा दिया। यह नजारा देखकर अस्पताल के चिकित्सकों में हलचल मच गई। मामला गर्म होता देख कर सीएमएस व अन्य चिकित्सक अस्पताल के बाहर सड़क पर आये और स्ट्रेचर मगाकर महिला को पुनः अंदर ले गये, और भर्ती कराया। साथ ही महिला के पति से कहा कि उससे कोई भी रुपए नहीं मांगेगा।मामला बढ़ता देख कर महिला कर्मचारी अस्पताल से रफूचक्कर हो गई थी। आपको बताते चलें कि प्रसव पीड़ा से महिला वार्ड में तड़प रही थी एवं उसे ब्लीडिंग हो रही थी। लेकिन डॉक्टरों ने कोई भी तब्जो नहीं देकर महिला को तड़पता छोड़ दिया। 27/28 अक्टूबर की रात महिला को अमानबियता दिखाते हुए एंबुलेंस से मिनी पीजीआई सैफई रेफर कर दिया गया। महिला की सैफई पहुंचने से पहले ही इकदिल के पास मौत हो गई। रेफर करने से पहले महिला एवं उसका पति गिडिडाता रहा। पीड़ित सज्जन से जब दूरभाष के माध्यम से जानकारी चाही तो उसने बताया कि उसकी पत्नी विमला 35 वर्ष की सैफई पहुंचने से पहले ही इकदिल के पास मौत हो गई है। उसका तो परिवार ही बिगड गया। बताया कि उसकी एक 5 वर्ष की पुत्री एवं 3 वर्ष का पुत्र है, जिनकी देखभाल करने के लिए कोई नहीं बचा है। इस संबंध में जब सीएमएस राजेश मोहन गुप्ता से दूरभाष के माध्यम से जानकारी चाही तो उन्होंने बताया कि महिला को 27/28 की रात को रात करीब 2 बजे रेफर कर दिया गया था। जब यह पूछा कि जिस महिला पर 5

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हजार रुपए मांगने का आरोप लगा है वह कौन है? तो उन्होंने कहा कि हमने स्टाफ को सामने खड़ा किया था लेकिन महिला का पति पहचान नहीं सका। वह अभी जानकारी करने में लगे हुए हैं। जब उन्हें बताया गया की महिला के पति ने बताया है कि उसकी पत्नी की मौत हो गई है। जिस पर सीएमएस ने कहा इस विषय की उन्हें कोई जानकारी नहीं है। आपको बताते चलें कि सीएमएस अपनी कृपा पात्र महिला कर्मचारी को बचाने में लगे हुए हैं। अस्पताल स्टाफ के कुछ लोगों ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि मामला सच्चा है। लेकिन वह स्टाफ के नाते कुछ कह नहीं सकते हैं। क्योंकि उन पर भी सीएमएस की गाज गिर सकती है। यदि इसकी गोपनीय जांच कराई जाए तो सच्चाई सामने आ जाएगी। जब संवाददाता ने अस्पताल की एक एएनएम से रूबरू होकर 5 हजार रुपए मांगने का आरोप लगाने की जानकारी चाही तो उसने बताया कि आरोप तो कोई भी किसी पर लगा सकता है हम भी आप पर छेड़खानी का आरोप लगा सकते हैं। अस्पताल के बाहर भी प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि महिला प्रसव थी बुरी तरह तड़प रही थी और उसका पति भी बार-बार अस्पताल के अंदर और बाहर चक्कर लगाते हुए गिड़गिड़ा रहा था। इसके बावजूद डॉक्टर संवेदना शून्य ही रहे। प्रश्न यह उठता है कि सीएमएस महिला के पति पर शराब के नशे में होने का आरोप लगा रहे हैं, तो उन्होंने महिला के पति का मेडिकल परीक्षण क्यों नहीं कराया? प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया की महिला का पति शराब के नशे में नहीं था।

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