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इटावा सफारी पार्क में आतंक का पर्याय बना तेंदुआ फंसा जाल में

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इटावा सफारी पार्क में आतंक का पर्याय बना तेंदुआ फंसा जाल में

इटावा सफारी पार्क में आतंक का पर्याय बना तेंदुआ फंसा जाल में

इटावा। उत्तर प्रदेश के इटावा सफारी पार्क में पिछले 72 दिनो से आतंक का पर्याय बना एक तेंदुआ आखिरकार वन विभाग के बिछाये जाल में फंस गया। पार्क के उपनिदेशक अरुण कुमार सिंह ने बुधवार को बताया कि मंगलवार और बुधवार की रात एक बजकर 13 मिनट पर टीम को सफलता मिली जब तेंदुआ रात के अंधेरे में जिंदा चारा खाने आया था। उन्होंने बताया कि तेंदुए को पकड़ने के लिए जगह में जगह जाल लगा कर के रखे गए थे, इसके साथ ही जाल के साथ बकरी या मुर्गे का भी इंतजाम किया गया था ताकि तेंदुआ शिकार करने की फिराक में आए जिसके बाद उसको पकड़ा जा सके। तेंदुए को सुबह 8 बजे तक लैपर्ड सफारी में सुरक्षित पहुंचा दिया गया है।

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उन्होंने बताया कि पकड़े गए जंगली तेंदुए को सुरक्षात्मक तौर पर बताए गए स्थान पर छोड़ दिया जाएगा। ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि इससे तेंदुए को दुधवा नेशनल पार्क में छोड़ा जाएगा लेकिन जब तक अधिकारियों की तरफ से कोई निर्देश नहीं आता है तब तक यह तेंदुआ इटावा सफारी पार्क के लेपर्ड सफारी हिस्से में ही सुरक्षित रखा जायेगा। इसके साथ ही सफारी के वन्य जीवों के ऊपर पिछले 72 दिनों से मंडरा रहा खतरा खत्म हो गया है।
हिंसक तेंदुआ बफर जोन यानी सफारी के बाहरी क्षेत्र में घूम रहा था जिस पर नजर रखने के लिये सफारी में 10 नाईट विजन कैमरे लगाए गए थे । वहीं पांच बड़े पिंजड़े जिसमें बकरी को बांधकर रखा जाता था, भी लगाए गए थे ।

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पकड़े गए तेंदुआ की उम्र चार से पांच साल के बीच आंकी जा रही है। पशु चिकित्सक द्वारा तेंदुए का चिकित्सकीय परीक्षण किया गया। तेंदुआ शारीरिक और मानसिक रूप से पूरी तरह स्वस्थ है और किसी भी प्रकार के चोट के निशान नहीं हैं । सिंह ने बताया कि ऐसे में अब सफारी के अंदर फिलहाल वन्यजीवों के लिए कोई खतरा नहीं है. वहीं 350 हेक्टेयर में फैली सफारी जो कि जंगल के बीचो-बीच बनी है. बजट के अभाव में जंगल से लगा हुआ 7 किलोमीटर का वह एरिया जहां से अक्सर तेंदुए सफारी में घुस जाते हैं उस बाउंड्री को ऊंचा कराने की आवश्यकता है. सफारी को सुरक्षित करने के लिए अभी दो से तीन करोड़ के बजट की आवश्यकता है जिसकी डिमांड शासन को भेज दी गई है।

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