Home देशशहर और राज्यउत्तर प्रदेश यहां मंडलायुक्त ने लापरवाह कर्मचारियों को चाय पिलाकर दी गहरी सीख

यहां मंडलायुक्त ने लापरवाह कर्मचारियों को चाय पिलाकर दी गहरी सीख

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यहां मंडलायुक्त ने लापरवाह कर्मचारियों को चाय पिलाकर दी गहरी सीख
यहां मंडलायुक्त ने लापरवाह कर्मचारियों को चाय पिलाकर दी गहरी सीख

झांसी। किसी समस्या को अनूठे तरीकों से सुलझाने और अलग तरह की कवायदें शुरू करने के लिए विख्यात झांसी मंडलायुक्त डॉ़ अजयशंकर पांडेय ने शुक्रवार को अपने ही कार्यालय में देरी से पहुंचने वाले कर्मचारियों को इतने सम्मान के साथ कड़ी हिदायत दी कि सभी कर्मचारियों ने केवल उनकी सराहना की बल्कि आगे से कभी भी देर से कार्यालय नहीं पहुंचने का संकल्प लिया।

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झांसी आयुक्त कार्यालय में आज सुबह और दिनों की आम सुबह की तरह ही थी जब कर्मचारी एक एक करके कार्यालय पहुंच रहे थे। यूं तो प्रचलन यह है कि अनुपस्थित कर्मचारियों के नाम के आगे अनुपस्थिति रजिस्टर में अनुपस्थित लिखकर कारण पूछा जाता है लेकिन आज निर्धारित समय से देर से आने वाले कर्मचारियों को मंडलाुयक्त ने उनके कक्ष मे भेजने के निर्देश दिये और उपस्थिति रजिस्टर भी अपने कक्ष में भी रखवाया।

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फिर क्या था बड़े संकोच के साथ देर से आने वाले कर्मचारी मंडलायुक्त के कक्ष में आते गये । डॉ़ पांडेय ने सभी से उपस्थिति रजिस्टर में अपने आने का समय और हस्तक्षर करने काे कहा। सकुचाते हुए कर्मचारी यह काम करते रहे और इसके बाद मंडलायुक्त ने सभी के लिए चाय मंगायी।

चाय की बात सुनते ही सभी कर्मचारी एक स्वर में मना करने लगे लेकिन उन्होंने सभी को प्यार से समझाया और चाय पिलायी साथ ही खुद भी उनके साथ चाय पी। इस दौरान कर्मचारी शर्म से तार तार थे और मीठी चाय सभी के लिए बड़ी कड़वी साबित हो रही थी। सभी को यह डर सताये जा रहा था कि कुछ ही क्षणों में कोई बड़ा आदेश उन सभी के खिलाफ दिया जाने वाला है और दिल बैठा जा रहा था । चाय पिलाने के बाद मंडलायुक्त ने सभी से कहा कि अगर भविष्य में फिर कभी आपको चाय पीने का मन करे तो आपका मेरे कक्ष में स्वागत है।

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इसके बाद तो कार्यालय देरी से पहुंचने वाले कर्मचारी गहरे पश्चाताप के साथ मंडलायुक्त के कक्ष से बाहर निकले ,किसी गंभीर कार्रवाई के न होने के चलते सबने शुक्र मनाया लेकिन भविष्य में फिर कभी देर से कार्यालय आने से तौबा कर ली। सभी ने मंडलायुक्त द्वारा बड़े प्यार लेकिन बेहद गहरायी से दी गयी इस सीख से सबक लेते हुए उनकी प्रशंसा की।

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