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ईश्वर अल्लाह एक ही नाम, इस बात को सत्य कर दिखाया : मोहम्मद खां

ईश्वर अल्लाह एक ही नाम, इस बात को सत्य कर दिखाया : मोहम्मद खां

फर्रुखाबाद | थाना नवाबगंज के ग्राम बरतल निवासी जान मोहम्मद खां पुत्र करीम खां अपनी उम्र के छह दशक पूरे कर चुके हैं। गांव में ही स्थित शिव मंदिर में वह बीते करीब पचास वर्षों से पूजा अर्चना कर रहे हैं। उनका कहना है कि 11 वर्ष की अवस्था में उनके मन में भगवान शंकर के प्रति आस्था जागी और तभी से वह उनकी आराधना में लीन हो गये और आज वह गांव में स्थित मंदिर में पूजा अर्चना कर रहे है। हालांकि उनके परिवार में उनकी पत्नी बिटाना बानो व पुत्री जैनुम बानो है। बेटी का निकाह कर चुके हैं। पत्नी उनकी पूजा अर्चना में कभी रुकावट नहीं बनीं। जहां पत्नी की सुबह अल्लाह ओ अकबर से, वहीं जान मोहम्मद की सुबह बम-बम भोले से होती है।

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गांव के ही इस्लाम धर्म के ठेकेदारों ने उनकी पूजा अर्चना का पुरजोर विरोध किया, लेकिन उन्होंने किसी की परवाह न करते हुए भगवान शिव की आराधना जारी रखी। जान मोह मद खां का कहना है कि जब भी उन्हें कोई मुसीबत आती है, तो वह भगवान शंकर को सच्चे मन से याद करते हैं और उनकी समस्या का समाधान तुरंत हो जाता है।जान मोहम्मद बताते हैं कि गांव में शिव मंदिर की स्थापना से पूर्व शिवलिंग था। ग्रामीणों ने चंदा आदि करके 1980 में शिव मंदिर का निर्माण कराया और तभी से वह मंदिर में पूजा अर्चना कर रहे हैं। गांव के रहने वाले सुखराम गिरी ने बताया कि यह मंदिर लगभग 500 वर्ष पुराना होगा क्योकि पहले इस मंदिर के स्थान पर चबूतरा था उसी के ऊपर शिवलिंग बनी हुई थी उसकी सभी लोग पूजा करते थे।

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सुधीर गिरी ने कहा कि मैं मंदिर में शाम को आरती करता हूँ जान मोहम्मद आरती मेरे साथ गाते है उन्हें किसी के मजहब से मतलब नही उनके अंदर शिव के प्रति भक्ति है। सुखराम गिरी का कहना है कि इस क्षेत्र के कई मौलवियो और मुसलमानो ने जान मोहम्मद का काफी विरोध किया लेकिन जान मोहम्मद का कहना था कि जब मेरे ऊपर परेशानी थी तो किसी ने मेरा साथ नही उस समय भगवान शिव ने मेरी सहायता की थी मेरा मजहब मुझे छोड़ दे लेकिन मैं पूजा करना नही छोड़ सकता हूँ।इसी बजह से हिन्दू समाज के किसी आदमी ने जान मोहम्मद का विरोध नही किया वह सभी के साथ मिलकर रहते है

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