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मृतक मजदूर के परिजनों को जमीन और सात लाख की एफडी मिलने पर माने किसान

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मृतक मजदूर के परिजनों को जमीन और सात लाख की एफडी मिलने पर माने किसान
मृतक मजदूर के परिजनों को जमीन और सात लाख की एफडी मिलने पर माने किसान
  • कानपुर देहात के रनिया स्थित जीपीएल फैक्ट्री का मामला
  • जहरीला पदार्थ खा लेने से मजदूर की हो गई थी मौत
  • फैक्ट्री प्रबंधन पर लगाया गया था शोषण का आरोप
  • 18 दिनों से चला आ रहा किसानों का धरना समाप्त

कानपुर देहात । यूपी के जनपद कानपुर देहात के अकबरपुर तहसील के रनिया क्षेत्र में स्थित जीपीएल फैक्ट्री में करीब 18 दिनों से अनशन पर बैठे मृतक मजदूर नीरज के परिजनों के साथ किसानो ने अपना धरना और अनशन समाप्त कर दिया है। अनशन समाप्त कर किसान अपने घर लौट गए हैं।

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लंबे चले इस आंदोलन में आखिरकार किसानों और मृतक मजदूर के परिजनों की जीत हुई। किसानों के दबाव में फैक्ट्री प्रबंधन ने मृतक मजदूर की पत्नी और बच्चों के नाम 7 लाख रुपए की एफडी और प्रशासन द्वारा 2 बीघा जमीन दिए जाने के बाद किसानों ने अपना प्रदर्शन और आंदोलन समाप्त कर दिया। दरअसल जनपद कानपुर देहात के पहाड़पुर धंजुआ गांव के रहने वाले नीरज रनिया औद्योगिक क्षेत्र स्थित जीपीएल फैक्ट्री में मजदूरी का काम करते थे और साथ ही भारतीय किसान यूनियन के पदाधिकारी भी थे। कुछ दिनों पहले नीरज ने जहरीला पदार्थ खाकर आत्महत्या कर ली थी।

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जिसके बाद परिजनों ने जीपीएल फैक्ट्री के प्रबंधन और मैनेजर पर शोषण का आरोप लगाते हुए कार्यवाही की मांग की थी। यहीं नहीं पीड़ित परिवार ने किसान यूनियन से मदद की गुहार लगाई थी। जिसके बाद किसान यूनियन के पदाधिकारियों ने मृतक मजदूर और अपने साथी नीरज के परिजनों के साथ पीड़ित परिवार को मुआवजा और जमीन की मांग करते हुए प्रशासन से दखल देने की अपील की थी। लेकिन किसी ने उनकी एक न सुनी। वही किसान भी पीछे हटने वाले नहीं थे और उन्होंने अपना धरना प्रदर्शन बीपीएल फैक्ट्री के बाहर शुरू कर दिया। करीब 18 दिनों बाद किसानों को सफलता हाथ लगी और प्रशासन के दबाव के बाद जीपीएल फैक्ट्री प्रबंधन ने पीड़ित परिवार को 7 लाख रुपए की एफडी मृतक मजदूर नीरज की पत्नी और बच्चों के नाम पर देने का काम किया। वही प्रशासन ने भी पीड़ित परिवार को 2 बीघे आवंटन करने का ऐलान भी किया। जिसके बाद किसानों ने अपना धरना और प्रदर्शन समाप्त कर दिया।

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