औरैया। जिलाधिकारी प्रकाश चन्द्र श्रीवास्तव की अध्यक्षता में प्रमोशन ऑफ एग्रीकल्चरल मैकेनाइजेशन फॉर इन-सीटू मैनेजमेंट ऑफ़ क्रॉप रेजिड्यू योजनान्तर्गत फसल अवशेष प्रबंधन हेतु जनपद स्तरीय कृषक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन कलेक्ट्रेट सभागार में किया गया। जिलाधिकारी ने पराली प्रबंधन के बारे में कृषकों को जागरूक करते हुए बताया कि राष्ट्रीय हरित अधिकरण के आदेश के अनुसार फसल अवशेष जलाया जाना एक दंडनीय अपराध है।
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पर्यावरण विभाग के आदेश द्वारा पर्यावरण के हो रहे क्षतिपूर्ति की वसूली के निर्देश हैं। इसमें 2 एकड़ से कम क्षेत्र के लिए ढाई हजार रुपए, 2 से 5 एकड़ क्षेत्र के लिए पांच हजार रुपए और 5 एकड़ से अधिक क्षेत्र के लिए 15 हजार रुपए तक पर्यावरण कंपनसेशन की वसूली के निर्देश हैं। पराली जलाने की घटना पाए जाने पर संबंधित को दंडित करने के संबंध में राजस्व अनुभाग के द्वारा राष्ट्रीय हरित अधिकरण अधिनियम के अंतर्गत क्षतिपूर्ति की वसूली एवं उल्लंघन की पुनरावृत्ति होने पर संबंधित के विरुद्ध कारावास एवं अर्थदंड लगाए जाने के संबंध में कार्यवाही की जाएगी।
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उक्त कार्यक्रम में कृषि वैज्ञानिक डॉ अनंत कुमार द्वारा बताया गया कि कृषक बंधु फसल अवशेष को न जलाएं बल्कि वेस्ट डी कंपोजर का प्रयोग कर पराली से खाद बनाकर उपयोग करें। इसके साथ ही साथ जनपद के कृषक उत्पादक संगठन गाजीपुर कृषक कृषि फार्म प्रों कं लि0 द्वारा 30 कुंटल पराली एवं कृषक उत्पादक संगठन आधुनिक महिला समन्वय प्रो कं लि0 के द्वारा 20 कुंटल पराली को एकत्र कर निराश्रित गोवंश आश्रय स्थल को दान किया गया, जिसको जिलाधिकारी द्वारा हरी झंडी दिखाकर कलेक्ट्रेट परिसर ककोर से निराश्रित गोवंश स्थल को रवाना किया गया। उक्त अवसर पर अपर जिलाधिकारी (वि0/रा0) महेंद्र पाल सिंह, उप जिलाधिकारी सदर मनोज कुमार सिंह, उप जिलाधिकारी बिधूना लवगीत कौर, उप जिलाधिकारी अजीतमल अखिलेश कुमार सिंह सहित संबंधित अधिकारी व कृषक बंधु आदि उपस्थित रहे।