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गोबर से बनेगी बिजली, गांधी जयंती पर ऐतिहासिक परियोजना का शुभारंभ

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गोबर से बनेगी बिजली, गांधी जयंती पर ऐतिहासिक परियोजना का शुभारंभ
गोबर से बनेगी बिजली, गांधी जयंती पर ऐतिहासिक परियोजना का शुभारंभ

नई दिल्ली। महात्मा गांधी के ग्राम स्वराज के स्वप्न को साकार करने की दिशा में एक और कदम बढ़ाते हुए छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य में गोबर से बिजली बनाने की परियोजना की शुरुआत की है। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज गांधी जयंती के दिन राज्य के बेमेतरा जिला मुख्यालय में आयोजित किसान सम्मेलन में गोबर से बिजली उत्पादन की महत्वाकांक्षी और ऐतिहासिक परियोजना का शुभारंभ किया।

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सुराजी गांव योजना के तहत छत्तीसगढ़ के लगभग छह हजार गांवों में गौठानों का निर्माण कराकर उन्हें रूरल इंडस्ट्रियल पार्क के रूप में विकसित किया गया है, यहां गोधन न्याय योजना के तहत दो रूपए किलो में गोबर की खरीदी कर बड़े पैमाने पर जैविक खाद का उत्पादन एवं अन्य आयमूलक गतिविधियां समूह की महिलाओं द्वारा संचालित की जा रही है। गौठानों में क्रय गोबर से विद्युत उत्पादन की भी शुरुआत आज से की जा रही है। इसके लिए प्रथम चरण में बेमेतरा जिले के राखी, दुर्ग के सिकोला और रायपुर जिले के बनचरौदा में गोबर से बिजली उत्पादन की यूनिट लगाई गई है।
गोबर से विद्युत उत्पादन के लिए गौठानों में बायो गैस प्लांट, स्क्रबर एवं जेनसेट स्थापित किए गए हैं। बायो गैस टांके में गोबर एवं पानी डालकर बायोगैस तैयार की जाएगी, इससे 50 फीसद मात्रा में मीथेन गैस उपलब्ध होगी, जिससे जेनसेट को चलाकर बिजली पैदा की जाएगी।

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इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए श्री बघेल ने कहा कि दुनिया ग्लोबल वॉर्मिंग से चिंतित है और हर जगह ग्रीन एनर्जी की बात हो रही है, इसलिए सरकार ने गोबर से बिजली बनाने का फैसला किया है। इसके उत्पादन में ग्रामीणों , महिलाओं और युवाओं की भागीदारी होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के प्रत्येक गांव में पशुओं को रखने वाली जगह ‘गोठान’ में गोबर से बिजली बनाने की यूनिट लगाई जाएगी। गोधन न्याय योजना के तहत किसानों से खरीदे गए गोबर का इस्तेमाल बिजली बनाने के लिए किया जाएगा। इससे न सिर्फ पर्यावरण को फायदा होगा बल्कि गोबर खरीद कार्य करने वाली स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को भी लाभ मिलेगा।

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