इटावा। जसवंतनगर कस्बे के बीचोंबीच से गुजरने वाली सिरसा नदी में सिल्ट, कूड़े के ढेर तथा मन्जनी जगह जगह जमा होने से नदी में जल प्रवाह अवरुद्ध है। बरसात में इससे कस्बे के नालों से आने वाला पानी इसमें गिरना और इससे बहना असंभव हो गया है। बरसात से पूर्व नगर पालिका जसवंतनगर सफाई विभाग ने बड़े नालों की सफाई का काम कराकर बरसात में जलभराव पर काफी हद तक काबू करने का प्रयास किया है मगर इन नालों के ड्रेनेज का अधिकतर पानी सिरसा नदी में गिरता है। नदी की सफाई कराने की सुध इस वर्ष क्या कई वर्षों से पालिका ने नही ली है। इससे बरसाती पानी की निकासी और नदी के मार्फ़त इसके जसवंतनगर से आगे न जाने की समस्या लोगों को परेशान कर सकती है।
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नदी की सफाई का काम युद्ध स्तर पर 2017-2018 में तत्कालीन सपा सरकार के मंत्री और क्षेत्रीय बिधायक शिवपाल सिंह की पहल पर हुआ था और इस नदी के जसवंतनगर में सिसहाट गांव से प्रवेश से लेकर कैस्त तक इसे करीब ढाई किलोमीटर साफ कराया गया था। इसके बाद कभी नदी की सफाई का काम कराना तो दूर रहा सुध तक नहीं ली गयी।जबकि जसवंतनगर कस्बे के सारे नाले इसी नदी में गिरते हैं। नालों से जो पानी और गंदगी आती, वह सिरसा नदी में सिसहाट, खटीकन मोहल्ला, लोहामंडी, लुधपुरा रोड पुल, रामलीला मैदान के सामने गिरती है।
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जहां मैला, सिल्ट और गन्दा कूड़ा इन दिनों भारी मात्रा में जमा देखा जा सकता है। इससे नालों के गिरने के मुहाने भी चौक हैं। इससे नगर के नालों से बरसात में आने वाले पानी के निकासी और नदी में उसका गिरना वाधित होकर नगर के नालों को उफना सकता है। नदी और नालों के किनारे की जमीन के भी जलमग्न होने की पूरी संभावना है। नगर पालिका के सभासदों व अफसरों ने इस समस्या के प्रति अभी तक कोई योजना नही बनाई है।
अधिशासी अधिकारी नगर पालिका रामेन्द्र सिंह ने बताया कि सिरसा नदी की 2 वर्ष पूर्व सफाई की गई थी अभी धन उपलब्ध नहीं है जैसे धन प्राप्त होगा इसकी पुनः सफाई कराई जाएगी।