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पर्यावरण संरक्षण में बच्चे जुटेंगे बड़ों को भी जुटाएंगे

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पर्यावरण संरक्षण में बच्चे जुटेंगे बड़ों को भी जुटाएंगे
पर्यावरण संरक्षण में बच्चे जुटेंगे बड़ों को भी जुटाएंगे
  • बच्चे जो ठान लेते हैं वही करते हैं – श्रुति सिंह
  • जागरूकता की नहीं संवेदनाओं की जरूरत- सेठी
  • प्रदर्शनी पंडाल में पर्यावरण छात्र संसद का आयोजन

इटावा। इटावा प्रदर्शनी पंडाल में पर्यावरण छात्र संसद का आयोजन किया गया जिसमें बच्चों ने एक स्वर से कहा कि वे पर्यावरण संरक्षण के काम में जुटेंगे और बड़ों को भी इस काम में जुटएंगे। यह भी कहा गया कि धरती पर प्राणियों का जीवन सुरक्षित रहें इसके लिए पर्यावरण संरक्षण जरुरी है। इस संसद में पर्यावरण की सुरक्षा को लेकर कई महत्वपूर्ण प्रस्ताव भी पास किए गए जिन पर पूरे वर्ष अमल किया जाएगा।

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जिलाधिकारी श्रुति सिंह पक्षी विशेषज्ञ तथा हरिद्वार विश्वविद्यालय के नोडल अधिकारी डॉ विनय सेठी ने दीप प्रज्वलित करके कार्यक्रम का शुभारंभ किया।‌ पर्यावरण छात्र संसद में आए छात्र छात्राओं को संबोधित करते हुए जिलाधिकारी श्रुति सिंह ने कहा कि अच्छी बात यह है कि बच्चे जो ठान लेते हैं वह कर लेते हैं ।‌बच्चे पर्यावरण संरक्षण में जुड़ेंगे तो पर्यावरण संरक्षण करेंगे और बड़ों को भी इस कार्य के लिए प्रेरित करेंगे। बच्चों की बात बड़े भी मानते हैं। उन्होंने कहा कि पर्यावरण संरक्षण इस समय की बड़ी जरूरत है । जिलाधिकारी ने कहा एयर कंडीशन की तरफ भी ध्यान नहीं जाता जबकि एयर कंडीशन से निकलने वाली गैस से काफी प्रदूषण होता है । इस पर भी कंट्रोल किए जाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि बच्चे पर्यावरण के क्षेत्र में जागरूक हो और इस दिशा में कार्य करें जिससे प्रदूषण से बचा जा सके। इसके साथ ही स्वच्छता के क्षेत्र में भी बच्चों को कार्य करना चाहिए।‌

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इस कार्यक्रम में विशेष रूप से आए पक्षी विशेषज्ञ तथा उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय हरिद्वार के प्रोफेसर डॉ विनय सेठी ने कहा कि जागरूकता की बात की जाती है जबकि सच्चाई यह है कि जागरूकता की कमी नहीं है । जागरूकता तो खूब है हमें संवेदना की जरूरत है हमें संवेदनशील बनना होगा। पर्यावरण के प्रति, पक्षियों के प्रति और वन्यजीवों के प्रति संवेदनशील बनकर कार्य किया जाए तो दुनिया बहुत अच्छी बन सकती है। उन्होंने कहा कि दूसरों को जागरूक करने से ज्यादा इस बात की जरूरत है कि हम स्वयं अच्छा करें। अपने भीतर झांकने की जरूरत है। उन्होंने उदाहरण दिया कि जिस तरह बर्तन साफ किए जाते हैं उसमें यह स्पष्ट है कि बर्तनों को अंदर से ज्यादा साफ किया जाता है।

हमें भी अपने अंदर सफाई करने की जरूरत है। डॉक्टर सेठी ने कहा कि अब तो संयुक्त राष्ट्र संघ ने भी यह माना है कि इकोसिस्टम खतरे में है। इसके लिए 2021 से 2030 तक कार्य करने की बात कही गई है। पर्यावरण को बचाने और प्रदूषण से बचने की पूरे प्रयास किए जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि जागरूकता से ज्यादा विचारधारा की जरूरत है हम सब लोग पर्यावरण और प्रकृति के साथ प्रेम करें तो सभी कुछ संभव है। उन्होंने कहा कि प्रकृति को पैसा नहीं चाहिए संवेदनाएं चाहिए और प्रकृति के प्रति संवेदनशील बनकर हम पर्यावरण को भी सुरक्षित रख सकते हैं। उन्होंने बच्चों को यह भी सुझाव दिया कि वे अपनी गलत आदतों को चेतावनी दें और अपनी गलत आदतों से लड़ कर विजय प्राप्त करें।

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डीएफओ अतुल कांत शुक्ला ने कहा कि पर्यावरण छात्र संसद एक विशेष कार्यक्रम है जो इटावा में ही होता है इतना अच्छा कार्यक्रम काफी सराहनीय है इसमें बड़ी संख्या में बच्चे भागीदार बने हैं और यह बच्चे ही पर्यावरण को बचाने के लिए पूरे प्रयास करेंगे। कार्यक्रम के संयोजक पान कुंवर इंटरनेशनल स्कूल के प्रबंधक डॉक्टर कैलाश यादव तथा संजय सक्सेना ने सभी का स्वागत किया। डॉक्टर कैलाश यादव निकाल पर्यावरण संसद एक अनूठी पहल है जिस का आयोजन प्रतिवर्ष किया जाता है और फिर पूरे वर्ष बच्चों की प्रस्तावों पर बच्चे और बड़े मिलकर अमल करते हैं। बच्चे भी पर्यावरण की प्रति जागरुक तथा संवेदनशील बन रहे हैं।

इससे पूर्व सभी अतिथियों का माल्यार्पण करके तथा प्रतीक चिन्ह भेंटकर शाल ओढ़ाकर अभिनंदन किया गया ।‌ इस कार्यक्रम के दौरान पर्यावरण के लिए कार्य करने वाली विभिन्न क्षेत्रों की हस्तियों को सम्मानित किया।

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