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बच्चों को धर्म और अध्यात्म का ज्ञान देना चाहिए : आचार्य

by Tejas Khabar
बच्चों को धर्म और अध्यात्म का ज्ञान देना चाहिए : आचार्य

श्रीमद् भागवत कथा के तीसरे दिन भक्त प्रह्लाद प्रसंग का किया बखान

फफूंद । ब्लाक भाग्यनगर की ग्राम पंचायत दशरौरा में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के तीसरे दिन भक्त प्रह्लाद प्रसंग का बखान किया गया। इसमें कथा वाचक आचार्य श्री चन्द्रेश महाराज ने कहा कि भक्त प्रह्लाद ने माता कयाधु के गर्भ में ही नारायण नाम का मंत्र सुना था। जिसके सुनने मात्र से भक्त प्रह्लाद के कई कष्ट दूर हो गए थे इसलिए बच्चों को धर्म और अध्यात्म का ज्ञान देना चाहिए।

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कथा का आगाज गुरु वंदना के साथ किया गया इसके उपरांत उन्होंने भगवान श्री कृष्ण की पावन लीलाओं का वर्णन किया। आचार्य श्री चंद्रेश महाराज ने कहा कि बच्चों को धर्म का ज्ञान बचपन में दिया जाता है वह जीवन भर उसका ही स्मरण करता है। ऐसे में बच्चों को धर्म व आध्यात्म का ज्ञान दिया जाना चाहिए।माता-पिता की सेवा व प्रेम के साथ समाज में रहने की प्रेरणा ही धर्म का मूल है। अच्छे संस्कारों के कारण ही ध्रुव जी को पांच वर्ष की आयु में भगवान का दर्शन प्राप्त हुआ। इसके साथ ही उन्हें 36 हजार वर्ष तक राज्य भोगने का वरदान प्राप्त हुआ था।

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ऐसी कई मिसालें हैं जिससे सीख लेने की जरूरत है। इस मौके पर संकीर्तन मंडली की सदस्यों ने प्रभु महिमा का गुणगान किया। उन्होंने कई मनमोहक भजन प्रस्तुत किए जिन पर श्रद्धालु मंत्रमुग्ध हो गए। जिला शासकीय अधिवक्ता अभिषेक मिश्रा ने कथा वाचक आचार्य श्री चन्द्रेश महाराज को पगड़ी पहनाकर उनका आशीर्वाद लिया और उन्होंने कहा कि मिश्रा परिवार की ओर से सभी क्षेत्रवासियों को भव्य भागवत महापुराण का आनंद लेने के लिए अधिक से अधिक संख्या में श्रद्धालु जन कथा पंडाल में पहुँचकर कथा का रस पान करें । परीक्षित बने अवधेश मिश्रा एडवोकेट और उनकी पत्नी ड्रॉ०स्नेह मिश्रा ने सभी श्रद्धालु जनों से कथा श्रवण करने की अपील की है।

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