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किशोरी शिक्षा योजना से आर्थिक रूप से कमजोर छात्राओं को शिक्षा पूरी करने में मिल रही है मदद

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किशोरी शिक्षा योजना से आर्थिक रूप से कमजोर छात्राओं को शिक्षा पूरी करने में मिल रही है मदद
किशोरी शिक्षा योजना से आर्थिक रूप से कमजोर छात्राओं को शिक्षा पूरी करने में मिल रही है मदद

जालौन प्रशासन की गरीब छात्राओं के लिए अनूठी योजना समाजसेवी दे रहे हैं मदद

जालौन में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की लड़कियों को सशक्त बनाने के लिए किशोरी शिक्षा समाधान योजना की कार्यशाला उरई के विकास भवन सभागार में आयोजित की गई ,जिसमें जिला अधिकारी डॉ मन्नान अख्तर ने उन मेधावी छात्राओं को सम्मानित किया जिसकी पढ़ाई का जिम्मा समाजसेवियों और अधिकारियों ने अपने खर्चे पर उठा रखा है। यह वह छात्राएं हैं जो आर्थिक रूप से कमजोर होने की वजह से कक्षा आठ के बाद अपनी पढ़ाई को छोड़ देती हैं लेकिन जिलाधिकारी की पहल से उन लड़कियों को इस योजना से जोड़ा गया जो पढ़ाई पूरी कर अपने सपनों को पूरा करना चाहती हैं

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आपको बता दें जिलाधिकारी डॉ मन्नान अख्तर ने 2 साल पहले किशोरी शिक्षा समाधान योजना की शुरुआत की जिसमें उन लड़कियों को चिन्हित किया गया जो बीहड़ क्षेत्र में रहकर अपनी पढ़ाई छोड़ देती थी या जिनके माता-पिता आर्थिक रूप से कमजोर होने की वजह से अपनी बच्चियों की पढ़ाई को बंद करवा देते थे

उरई मुख्यालय से 55 किलोमीटर दूर गेंदे के पुरवा की रहने वाली रिंकी ने बताया कि वह उस गांव से आती है जहां बालिकाओं की शिक्षा पर जोर नहीं दिया जाता है मेरे माता-पिता की आर्थिक रूप से स्थिति कमजोर है इसलिए कक्षा 8 के बाद मेरी पढ़ाई छूट गई थी लेकिन जिलाधिकारी डॉ मन्नान अख्तर की किशोरी शिक्षा योजना से मुझे कस्तूरबा विद्यालय में दाखिला मिला और आने जाने के लिए वाहन प्रशासन की तरफ से उपलब्ध कराया गया इस वजह से मैंने दसवीं में अच्छे मार्क्स लाकर लाकर 11वीं में दाखिला ले लिया है और मेरी पढ़ाई का सारा जिम्मा प्रशासनिक अधिकारियों की देखरेख में समाजसेवी उठा रहे हैं

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जिलाधिकारी डॉ मन्नान अख्तर ने बताया जिले में ज्यादातर छात्राएं नौवीं और दसवीं में अपनी पढ़ाई छोड़ देती हैं क्योंकि स्कूल उनके गांव से दूर पढ़ते हैं या बीहड़ क्षेत्रों में रहने की वजह से वे स्कूल नहीं पहुंच पाती इन सुविधाओं की कमी को देखते हुए प्रशासन ने किशोरी शिक्षा समाधान योजना के तहत लड़कियों का दाखिला कस्तूरबा में कराया जहां उनको रहने की सुविधा दी गई पिछले 2 वर्षों में ऐसी ढाई सौ लड़कियों की पढ़ाई को पूरा किया गया है जो आज वह 11वीं में दाखिला ले चुके हैं उनकी पढ़ाई का जिम्मा समाजसेवी और प्रशासनिक अधिकारी मिलकर उठा रहे हैं जिसमें बच्चियों को सशक्त बना कर उन्हें आर्थिक रूप से मजबूत किया जा सके आज ऐसी 19 लड़कियों को सम्मानित किया गया जिले के अलग-अलग ब्लॉक से आती हैं इस कार्यशाला का मकसद है कि वह आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों को पढ़ाई के लिए आगे लाकर समाज के प्रतिष्ठित व्यक्तियों की मदद से उनके सपनों को पूरा कर सकें ।

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