- 20 तीर्थंकरों (सर्वोच्च जैन गुरुओं) ने सम्मेद शिखर पर्वत पर ही मोक्ष की प्राप्ति की
- इटावा से मोक्ष सप्तमी पर 2300 किलो का लाडू चढ़ाने के लिए जैन साधर्मी रवाना हुए
इटावा। विश्व शांति की कामना करने मोक्ष सप्तमी के अवसर पर जैन धर्म के सर्वोच्च तीर्थ सम्मेद शिखर पर्वत की पैदल वंदना करने के लिए इटावा जिले से जैन श्रद्धालु रवाना हो गए हैं।जैन श्रद्धालुओं द्वारा वहां मोक्ष सप्तमी पर 2300 किलो का लाडू चढ़ाया जाएगा। उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मण्डल उ.प्र. के जिला महामंत्री एवं विश्व जैन संग़ठन के अध्यक्ष आकाशदीप जैन एवं शहर अध्यक्ष रजत जैन के नेतृत्व में सैकड़ों जैन साधर्मी मंगलवार को रेल से झारखंड प्रदेश के गिरिडीह जिले के पार्श्वनाथ स्टेशन के लिए रवाना हुए। स्टेशन पर व्यापार मण्डल जिलाध्यक्ष आलोक दीक्षित की मौजूदगी में सभी धर्मसंप्रदाय के व्यापारियों ने फूल माला पहनाकर सफल यात्रा की बधाई देकर रवाना किया।
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आकाशदीप जैन ने बताया ‘श्री सम्मेद शिखर जी’ में जैन धर्म के 24 में से 20 तीर्थंकरों (सर्वोच्च जैन गुरुओं) ने मोक्ष की प्राप्ति की है, जैन धर्म में प्राचीन धारणा है कि सृष्टि रचना के समय से ही सम्मेद शिखर और अयोध्या, इन दो प्रमुख तीर्थों का अस्तित्व रहा है इसका अर्थ यह है कि इन दोनों का अस्तित्व सृष्टि के समानांतर है इसलिए इनको ‘अमर तीर्थ’ माना जाता है। मोक्ष सप्तमी के अवसर पर इटावा गौरव दिगम्बर जैन आचार्य प्रमुख सागर जी महाराज के सानिध्य में 2300 किलो का भगवान पार्श्वनाथ को समर्पित निर्वाण लाडू अर्पण कर विश्व शांति की कामना की जाएगी। स्टेशन पर जैन श्रद्धालुओं का फूल माला पहनाकर रवाना करने वालो में व्यापार मण्डल के जिला कोषाध्यक्ष क़ामिल कुरैशी, युवा जिलाध्यक्ष पावेन्द्र शर्मा, रियाज अहमद, ऋषि पोरवाल, संजय वर्मा, सैय्यद लकी, सचिन जैन आदि प्रमुख रहे।