फर्रुखाबाद | फर्रुखाबाद में बहने वाली गंगा सबसे पवित्र नदियों में से एक है। नदी आशा, विश्वास का प्रतीक है और इसकी पवित्रता के कारण इसकी पूजा की जाती है। इन दिनों गंगा के तट पर मेला रामनगरिया चल रहा है। प्रशासन की लहपरवाही के कारण नदी का पानी लगातार प्रदूषित हो रहा है। नदियों के आस-पास के गाँवो का अपशिष्ट जल नदी को गंभीर रूप से प्रदूषित कर रहा है।गंगा जल से त्वचा रोगियों के साथ ही डायरिया व वायरल फीवर पीड़ितों की संख्या बढ़ गई है। इसका अंदाजा मेले में अस्पताल के साथ ही तटवर्ती इलाकों में स्थित स्वास्थ्य केंद्रों में बढ़ी भीड़ से लगाया जा सकता है। अस्पताल की त्वचा रोग ओपीडी में संख्या 500 के पार हो गई है। पेट दर्द, उल्टी-दस्त के साथ ही वायरल फीवर के मरीज भी 25 फीसद तक बढ़ गए हैं।
यह भी देखें : शाहजहांपुर में घर के बाहर युवक की अज्ञात हमलावरों ने की गोली मारकर हत्या
केंद्र में भाजपा सरकार के दस साल पूर्ण होने वाले है इस समय फर्रुखाबाद में चल रहे मिनी कुम्भ मेले के बाद भी बाद भी गंगा मैली की मैली दिखाई दे रही है।जिसका मुख्य कारण यह है शहर से निकलने वाले नालों का पानी सीधा गंगा में प्रभाहित हो रहा है।उन नालों पर कोई भी ट्रीटमेंट प्लांट नही लगाया गया है दूसरी तरफ बड़े नालों के बाद गंगा के किनारे बसे दर्जनों गांवों की गंदकी गंगा में जा रही है ट्रीटमेंट प्लांट को लेकर कई सालों से आंदोलन चलाये जा रहे है।
यह भी देखें : श्रीरामजन्मभूमि ट्रस्ट काे दी गयीं पांच बैट्री चालित व्हीकल दान
बहुत से समाजसेवी आमरण अनशन भी बैठे तो जिला प्रसाशन ने उनको उठाने के लिए बड़े बड़े वादा भी कर दिए लेकिन ट्रीटमेंट प्लांट नही लगाया जा सका।शहर में छपाई करने के सैकड़ो कारखाने चल रहे है उनका रंगीन केमिकल्स युक्त पानी भी गंगा के जल में विष घोल रहा है।गंगा प्रदूषण नियंत्रण विभाग के कर्मचारी जब भी कारखानों पर छापेमारी करते है।वह लोग अपनी अपनी जेब गर्म करने के बाद कोई कार्यवाही नही करते है।
यह भी देखें : मजबूत कानून व्यवस्था का परिणाम है यूपी में बढ़ता निवेश: योगी
जब कि गंगा को अपनी माँ के रूप में मानने वाले लोग उसके जल को पीने के बाद अपनी प्यास बुझाते है।जब गंगा में गिर रहे नालों को लेकर आम जनता से बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि आज से 20 वर्ष पहले जनसंख्या कम होने के साथ गंगा के जल का दोहन नही होता था अब कई कार्यो में जल का दोहन किया जा रहा है।गंगा में जो जल के रूप में पानी दिखाई दे रहा है उसके आधा पानी गन्दे नालों से आता है।