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होलिका दहन के समय के संबंध में ब्रजभूमि के पंडितों में मतभेद

होलिका दहन के समय के संबंध में ब्रजभूमि के पंडितों में मतभेद

होलिका दहन के समय के संबंध में ब्रजभूमि के पंडितों में मतभेद

मथुरा।होलिका दहन के समय के संबंध में ब्रजभूमि के पंडितों में मतभेद होने के कारण मथुरा वृन्दावन समेत ब्रज के अन्य तीर्थस्थलों में होली अलग अलग समय पर जलाई जाएगी। बल्लभकुल सम्प्रदाय के मन्दिरों के बाहर इस बार होली सात मार्च को सुबह छह बजे जलाई जाएगी क्योंकि इसके बाद ठाकुर की सेवा पूजन में व्यवधान पड़ेगा। द्वारकाधीश मन्दिर के ज्योतिषाचार्य अजय कुमार तैलंग के अनुसार गृहस्थों के लिए होली जलने का समय सात मार्च को शाम छह बजकर 31 मिनट से लेकर आठ बजकर 58 मिनट पर कर सकते हैं। उन्होने कहा कि इस दो घंटे 27 मिनट के पूजन के दौरान भद्रा नही होगा।

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बांकेबिहारी मन्दिर में सेवायत आचार्य ज्ञानेन्द्र किशोर गोस्वामी के अनुसार मन्दिर के आसपास छह मार्च को रात 12 बजकर 18 मिनट से एक बजकर 30 मिनट के बीच होली जलाई जाएगी। वृन्दावन के मशहूर पंडित विष्णुकांत शास्त्री के अनुसाद होली छह मार्च को सुबह सवा पांच बजे जलाई जाएगी। गोवर्धन में जहां सात मार्च की शाम सात बजे ,बरसाना में छह मार्च की शाम, नन्दगांव में सात मार्च की शाम एवं गोकुल तथा बल्देव में सात मार्च की शाम होली जलाई जाएगी। यह भी देखा जा रहा है कि किसी तीर्थस्थल के एक भाग में छह मार्च की सुबह तो दूसरे भाग में सात मार्च की शाम को होली जलेगी।

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