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श्रीलंका के संसद अध्यक्ष ने की राष्ट्रपति राजपक्षे के इस्तीफे की आधिकारिक घोषणा

श्रीलंका के संसद अध्यक्ष ने की राष्ट्रपति राजपक्षे के इस्तीफे की आधिकारिक घोषणा

श्रीलंका के संसद अध्यक्ष ने की राष्ट्रपति राजपक्षे के इस्तीफे की आधिकारिक घोषणा

कोलंबो। श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे ने अंतत: राष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे दिया। संसद अध्यक्ष महिंदा यापा अभयवर्धने ने शुक्रवार को उनके इस्तीफे की आधिकारिक घोषणा की। श्री अभयवर्धने ने आज सुबह संवाददाताओं से कहा, “श्री गोटाबाया राजपक्षे ने गुरुवार को आधिकािरित तौर पर अपना इस्तीफा दे दिया है और मैंने उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया है।” उन्होंने कहा, ‘‘मुझे राष्ट्रपति राजपक्षे द्वारा भेजा हुआ इस्तीफा पत्र मिला है। इसके अनुसार, राष्ट्रपति ने इस्तीफा दे दिया है, जो 14 जुलाई से प्रभावी है।’’

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श्री राजपक्षे ने यह घोषणा सिंगापुर से स्पीकर को ईमेल द्वारा इस्तीफे का पत्र भेजे जाने के एक दिन बाद की। पूर्व राष्ट्रपति बुधवार सुबह श्रीलंका से एक सैन्य विमान में पहले मालदीव और फिर सिंगापुर भाग गए, जहां उन्हें शरण देने से इनकार कर दिया गया। रिपोर्टों में कहा गया है कि वह अब सऊदी अरब जा सकते है। इधर ब्रिटेन की संसद के सदस्यों ने श्री राजपक्षे के लिए एक अंतरराष्ट्रीय गिरफ्तारी वारंट की मांग की है। जिन पर युद्ध अपराधों, मानवाधिकारों के उल्लंघन, न्यायिक प्रक्रिया के इतर हत्याओं और कुख्यात “व्हाइट वैन” अपहरण के आरोप लगाये गये है।

वर्ष 1978 में कार्यकारी राष्ट्राध्यक्ष प्रणाली अपनाने के बाद श्री राजपक्षे इस्तीफा देने वाले वह पहले श्रीलंकाई राष्ट्राध्यक्ष हैं। श्रीलंका के संविधान के तहत, जब तक कि संसद अपने सदस्यों में से एक को राष्ट्रपति के रूप में नहीं चुन लेती तब तक कार्यवाहक राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे, स्वत: ही अंतरिम राष्ट्रपति बन जाएंगे। श्री विक्रमसिंघे के कार्यवाहक राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेने के बाद, वह अपनी पसंद के प्रधानमंत्री की नियुक्ति करेंगे। फिर नए राष्ट्रपति के चुनाव के लिए संसदीय प्रक्रिया शुरू की जाएगी। प्रदर्शनकारी हालांकि, प्रधानमंत्री विक्रमसिंघे से इस्तीफा देने की मांग करते हुए आज से शांतिपूर्ण भूख हड़ताल शुरू करेंगे।

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उनका मानना है कि श्री विक्रमसिंघे श्री राजपक्षे का बचाव कर रहे हैं। श्रीलंका के उच्चतम न्यायालय की पांच न्यायाधीशों की पीठ देश में लंबे समय तक शक्तिशाली रहे राजपक्षे परिवार के दोनों सदस्यों के खिलाफ याचिका पर आज सुनवाई कर सकती है। राष्ट्रपति का इस्तीफा श्रीलंकाई लोगों के विरोध के बाद आया है जो पूरे राजपक्षे परिवार को छोड़ने की मांग कर रहे हैं। श्रीलंका के दो करोड़ से अधिक लोग श्री राजपक्षे और उनके परिवार को भ्रष्टाचार के कुप्रबंधन के लिए दोषी मानते हैं। जिनके कुप्रबंधन के कारण श्रीलंका वर्तमान में आर्थिक संकट से जूझ रहा है।

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