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कई ऐतिहासिक आंदोलनों का बरसों बरस तक गवाह बना रहा पुराना बरगद हुआ धराशाई

कई ऐतिहासिक आंदोलनों का बरसों बरस तक गवाह बना रहा पुराना बरगद हुआ धराशाई

कई ऐतिहासिक आंदोलनों का बरसों बरस तक गवाह बना रहा पुराना बरगद हुआ धराशाई

इटावा। इटावा कचहरी परिसर स्थित लगभग 150 वर्ष पुराना ऐतिहासिक बरगद का पेड़ भारी बारिश के चलते देर रात्रि धराशाई हो गया। आपको बता दें कि आजादी से भी पूर्व न जाने कितने धरने व आंदोलनों का साक्षी रहा यह ऐतिहासिक बरगद का वृक्ष जो आज लोगों के दिलों में अपनी खट्टी मीठी यादें छोड़ गया है । न जाने कितने लोगों को भीषण गर्मी में ठंडी छांव देता रहा यह पुराना पेड़ लोगों के गर्मी में बैठने व अधिकारियों का इंतज़ार करने में उनका पूरा साथ देता रहता था।

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अब कचहरी में आने वाले लोगो की पुनः मांग है कि, इस स्थान पर एक दूसरा बरगद ही लगाया जाये जिससे दूर दराज से आने वाली महिलाएं बच्चे व बूढ़े भीषण गर्मी में पेड़ की छांव में इस जगह बैठ कर अपनी तारीख का इंतजार कर सकें। असल मे बारिश से गिरा यह ऐतिहासिक दरख़्त एक ऐतिहासिक धरना स्थल के तौर पर भी मशहूर रहा है जनपद के न जाने कितने लोग अपनी समस्यओं को लेकर लोग इसी पेड़ के नीचे धरना प्रदर्शन कर अपनी मांगों को इसी पेड़ की गवाही के साथ शासन और प्रशासन तक पहुंचाने का प्रयास करते रहे है।

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कभी कचहरी में आने वाले फरियादी लोग इधर उधर भटकने की जगह इसी बरी के मशहूर पेड़ के नीचे आकर ही मिला करते थे। वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव त्रिपाठी का कहना है कि, इस कचहरी में प्रेक्टिस करते हुये मुझे ही अब तक 50 वर्ष पूर्ण हो गये है यह बरगद तो मेरी प्रेक्टिस से भी पहले से ही यहाँ पर मौजूद था। उन्होंने कहा कि, बस एक अच्छी बात यह रही कि, इसके अचानक गिरने से कोई जनहानि नही हुई क्यों कि अक्सर ही कुछ न कुछ लोग प्रतिदिन ही इसके आस पास मौजूद रहते ही है।

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