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फूलन देवी का अपहरण करने के आरोपी डकैत की इलाज के दौरान मौत

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फूलन देवी का अपहरण करने के आरोपी डकैत की इलाज के दौरान मौत

फूलन देवी का अपहरण करने के आरोपी डकैत की इलाज के दौरान मौत

सांस की बीमारी के चलते हुई मौत
1 माह पहले ही चित्रकूट के आश्रम से साधु बने डकैत को पुलिस ने गिरफ्तार कर भेजा था जेल
औरैया। दस्यु सम्राट लालाराम गुट के मुख्य सदस्य छेदा उर्फ छिद्दा(69) की सोमवार शाम को बीमारी के चलते उत्तर प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय सैफई में मौत हो गई। मंगलवार को उसका शव पैतृक गांव यूपी के औरैया जिले में अयाना थाना क्षेत्र के भासौंन पहुंचा तो घर परिवार में कोहराम मच गया। दिवंगत दस्यु सुंदरी व पूर्व सांसद फूलन देवी का अपहरण करने के आरोपी छिद्दा पर 50000 का इनाम था। पुलिस ने उसे एक माह पहले ही 26 जून चित्रकूट के एक आश्रम से गिरफ्तार कर जेल भेजा था। बीहड़ी क्षेत्र में 90 के दशक के मशहूर दस्यु लालाराम गैंग के मुख्य सदस्य छेदा उर्फ छिद्दा(69) निवासी भासौंन पर औरैया, जालौन,कानपुर देहात समेत मध्यप्रदेश में 20 से अधिक लूट, अपहरण, फिरौती के मामले पंजीकृत थे। छेदा पर दस्यु सुंदरी फूलन देवी का भी अपहरण करने का आरोप था।

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23 सितंबर 1997 क्षेत्र के सब्दल सिंह पुत्र जयसिंह निवासी स्वरूपनगर थाना अयाना को अगवा कर एक लाख 25 हजार की फिरौती लेकर छोड़ा था। वर्ष 1998 में गैंग के साथ जसवंतपुर निवासी चार युवकों का किया था। जिसमें तीन को फिरौती लेकर छोड़ा था। जबकि चौथे युवक को पुलिस ने मुठभेड़ में छुड़ाया था। 1998 में पुलिस ने छेदा पर 50 हजार का इनाम घोषित किया था। इधर पुलिस के दस्यु मुक्त चंबल करने के लिए दस्युओं का सफाया करने में जुटी थी। तभी छेदा खुद की मौत के डर से चित्रकूट भाग गया और संन्यासी के भेष में आराधना आश्रम जानकी कुंड में रहने लगा। सांस की बीमारी के चलते छेदा साधु संतों के साथ 25 जून के अपने गांव भासौंन पहुंचा। रविवार को अयाना थानाध्यक्ष जितेंद्र यादव ने मुखबिर की सूचना पर छेदा को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। गिरफ्तारी के डेढ़ साल पहले से दस्यु बीमार चल रहा था। इटावा जेल में छेदा की तबियत बिगड़ जाने पर जेल प्रशासन ने उसे उत्तर प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय सैफई में भर्ती करवाया। जहां उसने सोमवार शाम को इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। मंगलवार शाम को शव गांव पहुंचने पर कोहराम मच गया। परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है।

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परिजनों को टूटी आस
एक समय चंबल की घाटियों में अपनी तूती बुलवाने बाला छेदा अपनी बीमारी के चलते लाचार और बेबस था। अपनी बीमारी के चलते वह 25 जून की शाम को अपने घर पहुंचा और परिजनों को देख कर रो पड़ा। परिजन जिसे 20 साल से मृत समझ रहे थे उसे जिंदा देखकर स्तब्ध रह गए। छेदा अपने परिजनों से साथ समय बिता पाते तभी 26 जून को पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। बड़ी बहू संगीता, छोटी बहू अंजू, नाती गोलू, भतीजे शशिवेंद्र व गजेंद्र को आस थी कि उनकी बीमारी व उम्र को देखते हुए न्यायालय उन्हें जेल से रिहा कर देगा।लेकिन सोमवार देर शाम को छेदा की मौत हो जाने से परिजनों का उसके साथ समय बिताने का सपना भी टूट गया।

कहीं खुशी तो कहीं गम
दस्यु छेदा की मौत की खबर सुनकर कुछ लोगों ने खुशी जाहिर की तो कुछ लोगों ने गम। स्वरूपनगर निवासी जयसिंह ने खुशी जाहिर की, बताया कि उनका बेटा सब्दल सिंह मुरादगंज में किताबों की दुकान किये था।23 सिंतबर 1997 को को उसका अपहरण कर लिया था। एक लाख 25 हजार रुपये की फिरौती लेकर छोड़ा था। वहीं छेदा के करीबी पूर्व प्रधान पर्वत गुर्जर, राजेंद्र, कल्लू, व रिस्तेदारों ने छेदा की मौत पर दुःख जाहिर किया।

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