मैनपुरी- हाथों में मेहंदी लगाए दुल्हन होने वाले दूल्हे का इंतजार करती रही, लेकिन दहेज लोभी बारात लेकर नहीं पहुंचे। अंतिम समय पर शादी से पहले दूल्हा पक्ष ने दहेज की रकम बढ़ा दी। बेबस दुल्हन के पिता ने मांग पूरी करने में असमर्थता जताई, तो बारात लाने से ही इनकार कर दिया। दुल्हन हाथों में मेहंदी लगाई बैठी राह तकती रही। लेकिन दूल्हे के परिजनों का दिल नहीं पसीजा।
दरअसल पूरा मामला जनपद मैनपुरी के कुरावली थाना क्षेत्र के ग्राम सिरसा से जुड़ा हुआ है। जहां के रहने वाले अमर सिंह ने अपनी पुत्री वीनू का विवाह जनपद एटा के थाना मलावन के अंतर्गत ग्राम पूरा निवासी विमल पुत्र रामसेवक के साथ 16 अक्टूबर को गोद भराई का कार्यक्रम करके तय किया था। गोद भराई के दौरान दुल्हन पक्ष द्वारा लड़के को एक सोने की चैन, एक अंगूठी, एक मोटरसाइकिल स्प्लेंडर प्लस व एक लाख रुपये नगद दिया था। जिसके बाद 10 दिसंबर को बारात आना तय हुआ।
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बारात के स्वागत सत्कार के लिए गुरुवार को कन्या पक्ष के यहां तैयारियां चल रही थीं। शाम को बारात आने का इंतजार होने लगा, लेकिन देर शाम तक बारात नहीं पहुंची और ना ही कोई संदेश। दुल्हन के पिता ने दूल्हे के पिता से फोन करके बारात आने में हो रही देरी की जानकारी ली तो दूल्हा पक्ष ने बारात निकलने से पहले छः लाख रुपये अतिरिक्त दहेज की मांग कर दी। दुल्हन के पिता ने असमर्थता जताई तो बारात लाने से इंकार कर दिया। दूल्हा पक्ष का फरमान सुन दुल्हन के घर में मायूसी छा गई, मंगल गीत खामोश हो गए। जब रिश्तेदारों ने दूल्हा पक्ष से संपर्क किया, तो दहेज की रकम मिले बिना बारात लाने के लिए तैयार नहीं हुए। देर शाम से शुरू हुई बारात लाने की कोशिशें देर रात तक चलती रहीं। निराश होने के बाद दुल्हन के पिता ने पुलिस की मदद ली और थाने में तहरीर देकर न्याय की गुहार लगाई।
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कन्या के पिता ने बताया कि उसने अपनी पुत्री के विवाह में गृहस्थी के हर जरूरती सामान देने की व्यवस्था के साथ-साथ बारातियों के स्वागत सत्कार के लिए अच्छा प्रबंध किया था। लेकिन जब बारात नहीं पहुंची तो उसका काफी नुकसान भी हुआ और साथ ही साथ समाज में बेइज्जती भी हुई। कन्या पक्ष के लोगों ने बताया की कन्या के विवाह के लिए उसके पिता ने जैसे तैसे पैसों का इंतजाम करके शादी की व्यवस्था की थी, लेकिन दहेज लोभी ने बारात ना लाकर सारे अरमानों पर पानी फेर दिया।