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जान जो​खिम में ड़ाल मैड़ पर बैठकर ​शिक्षा गृहण कर रहे छात्र

जान जो​खिम में ड़ाल मैड़ पर बैठकर ​शिक्षा गृहण कर रहे छात्र

इमारत पर कहीं भी दर्ज नहीं मिला संस्थान का नाम, अयोग्य ​शिक्षक के जरिए हो रहा ​शिक्षण कार्य

अयाना। शासन स्तर से निजी स्कूलों में मानकों को पूरा करने पर जोर दिया जा रहा है। मगर जिम्मेदार सरकार की इस मंशा को पलीता लगाते नजर आ रहे हैं। बीहड़ पट्टी के बबाइन में एक निजी स्कूल सरेआम शासन के नियमों को ताख पर रखकर संचालित हो रहा है। यहां बच्चे बरसात के मौसम में जान जो​खिम में डालकर मैड़ पर बैठकर ​शिक्षा गृहण करते मिले। स्कूल की इमारत पर कहीं भी संस्था का नाम दर्ज नहीं मिला। वहीं संचालक स्कूल को कोचिंग सेंटर बताया है।

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बरसात के मौसम में बीहड़ पट्टी के गांवों में जहरीले कीटों का खतरा काफी बढ़ जाता है। वहीं बबाइक के एक ऐसा निजी स्कूल संचालित होता मिला। जिसपर कहीं भी संस्था का नाम नहीं लिखा मिला। यहां कक्षा एक से लेकर 12 तक के बच्चे ​अयोग्य ​शिक्षकों से ​शिक्षा गृहण करते मिले। हैरत तो तब हुई कई कक्षाओं के बच्चों को ​शिक्षक परिसर के बगल में खेत की मेंड पर पढ़ाई करते दिखे। पास में जल भराव झाड़ियां उगी होने के चलते उनपर जहरीले कीटों व फिसल कर गिरने का खतरा हर समय मड़राता रहता है।

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बता दें कि तत्कालीन बीएसए अनिल कुमार ने निरीक्षण के इस विद्यालय में खामियां मिलने पर कार्रवाई की थी। इसके कुछ समय बाद स्कूल दोबारा संचालित होने लगा। वहीं विद्यालय के प्रबंधक जयवीर सिंह ने बताया कि यह कोचिंग सेंटर है। यहां महज कक्षा एक से 10 तक के 70 पंजीकृत हैं। बीएसए संजीव कुमार ने बताया कि इस संबंध में उन्हें कोई जानकारी नहीं है। यदि मानक के बिना स्कूल संचालित हो रहा है तो वहां टीम भेजकर स्कूल को बंद करवाया जाएगा।

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